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भारत-मिस्र द्विपक्षीय व्यापार को 2028 तक दोगुना करने की लक्ष्य, निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने की तैयारी

मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअती ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश चाहता है कि भारतीय कंपनियां स्वेज कैनाल इकनॉमिक जोन (एससीईजेड) में आएं और कामकाज शुरू करें

Last Updated- October 17, 2025 | 9:49 PM IST
Dr. Badr Abdelatty
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअती

मिस्र फार्मा से लेकर ऊर्जा और एआई तक तमाम क्षेत्रों में निवेश के लिए भारत की ओर देख रहा है। भारतीय कंपनियों को आक​र्षित करने के लिए वहां की सरकार कारोबार में आसानी के लिए नीतियों में सुधार पर काम कर रही है। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअती ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश चाहता है कि भारतीय कंपनियां स्वेज कैनाल इकनॉमिक जोन (एससीईजेड) में आएं और फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल्स से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तथा डिजिटाइजेशन समेत कई उभरते क्षेत्रों में कामकाज शुरू करें। चीन और रूस समेत कई देशों के पहले से मिस्र के एससीईजेड में अपने-अपने औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं।

​दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को अब्देलअती ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश 2028 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारतीय कंपनियों को आक​र्षित करने के लिए मिस्र की सरकार कारोबार करने में आसानी के साथ-साथ एससीईजेड में इंडस्ट्रियल जोन बनाने के लिए प्रोत्साहन योजना पर काम कर रही है।

मिस्र के विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने सरकार को अनुकूल माहौल बनाने और भारतीय कंपनियों को केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, खनिज, विशेष रूप से फॉस्फेट और फर्टिलाइजर तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं एआई जैसे उभरते क्षेत्रों में कारोबार करने की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है।

अब्देलअती ने गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले भारत-मिस्र स्ट्रेटेजिक डायलॉग के लिए मुलाकात की थी और शुक्रवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। मोदी ने मिस्र के नेतृत्व और राष्ट्रपति सिसी को गाजा शांति समझौते में उनके देश की महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए बधाई दी। मिस्र के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था, जहां विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने उनका प्रतिनिधित्व किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रक्षा और लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग जैसे तमाम क्षेत्रों में हो रही प्रगति पर संतोष जताया।

जयशंकर ने मिस्र के विदेश मंत्री के साथ गुरुवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में कहा था कि भारत और मिस्र रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की दिशा में आशाजनक प्रगति हो रही है। मिस्र की सेंट्रल एजेंसी फॉर पब्लिक मोबिलाइजेशन ऐंड स्टैटिस्टिक्स के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में भारत मिस्र के लिए छठा सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार साझीदार था। उस दौरान कुल द्विपक्षीय व्यापार 5.2 अरब डॉलर था। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत की 55 कंपनियों ने मिस्र में विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से 4 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। इससे वहां के 38,000 नागरिकों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया जा रहा है। 

विदेश मंत्रालय के अनुसार इसके अलावा 70-80 करोड़ डॉलर मूल्य का एक और निवेश प्रस्तावित है। नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों रीन्यू और ओसीआईओआर ने क्रमशः 8 अरब डॉलर और 4 अरब डॉलर के समझौतों पर मिस्र की सरकार के साथ ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।

प्रधानमंत्री के जून 2023 के काहिरा दौरे के समय दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया और 2028 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा। मालूम हो कि मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी जनवरी 2023 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अति​थि के तौर पर शामिल हुए थे। नई दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए अब्देलअती ने कहा कि भारतीय निवेशकों को मिस्र की रणनीतिक भौगोलिक ​स्थिति, अफ्रीकी, अरब और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ उनके देश के मुक्त व्यापार समझौतों का पूरा लाभ मिलेगा।

वर्ष 2023 से यमन के हूती विद्रोहियों ने गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के प्रतिशोध के रूप में स्वेज नहर में मर्चेंट शिपिंग को निशाना बनाया है। इससे नौवहन बुरी तरह बाधित हुआ है, जिसका सीधा असर मिस्र की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।

First Published - October 17, 2025 | 9:49 PM IST

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