facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

वृद्धि अनुमान में IMF से हुई होगी गलती, RBI ने कहा- कम हो रही चुनौतियां

Last Updated- April 21, 2023 | 11:31 PM IST
RBI to review payment bank structure; Emphasis will be on governance standards, business model and the way forward पेमेंट बैंक ढांचे की समीक्षा करेगा RBI; प्रशासन मानदंड, कारोबारी मॉडल और आगे की राह पर रहेगा जोर

चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि (GDP growth) अनुमान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा की गई कटौती के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बहुपक्षीय संस्था के अनुमान में संभवत: कोई त्रुटि हुई होगी क्योंकि वृद्धि के मोर्चे पर प्रदर्शन कहीं बेहतर हो सकता है। IMF ने भारत के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया है।

मौद्रिक नीति के प्रभारी RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्र एवं अन्य अ​धिकारियों द्वारा तैयार अप्रैल के लिए अर्थव्यवस्था की स्थिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन अ​धिकतर हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि बहुपक्षीय संस्था, खासकर IMF के पूर्वानुमान में कोई त्रुटि हो सकती है क्योंकि वास्तविक परिणाम उन्हें सकारात्मक रूप से अचं​भित कर सकते हैं।’

RBI ने कहा है कि इस रिपोर्ट में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के निजी हैं, न कि केंद्रीय बैंक के।

RBI ने अप्रैल की अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। कच्चे तेल की वै​श्विक कीमतों में नरमी के आसार को देखते हुए ऐसा किया था। मौद्रिक नीति समिति ने अप्रैल की बैठक में नीतिगत ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा था। हालांकि RBI ने कहा था कि मुद्रास्फीति पर उसकी नजर बरकरार है। इससे पहले मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच दरों में 250 आधार अंकों की वृद्धि की गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुपक्षीय संस्थानों ने खपत की रफ्तार सुस्त पड़ने और बाहरी चुनौतियों को देखते हुए 2023-24 के लिए भारत की वास्तविक GDP ग्रोथ के अपने पिछले अनुमानों में कटौती की थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है। वै​श्विक वृद्धि में इसका योगदान करीब 15 फीसदी होगा जो दूसरा सबसे बड़ा योगदान है। यह अमेरिका और यूरोपीय संघ के एकीकृत योगदान से भी अ​धिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी खपत में हो रही दमदार वृद्धि के साथ भारत में कुल मांग परिदृश्य मजबूत है।

दूसरी ओर, ग्रामीण मांग परिदृश्य में भी तेजी से सुधार हो रहा है। इसे रबी की पैदावार बंपर रहने की उम्मीदों से रफ्तार मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसल को हुए नुकसान में कमी दिख रही है।’

रिपोर्ट में अल नीनो के जो​खिम को उजागर किया गया है लेकिन यह भी कहा गया है कि इंडियन ओशन डायपोल (IOD) फिलहाल ​स्थिर है और आगे उसमें सुधार होने के आसार हैं।

रिपोर्ट में निवेश गतिवि​धियों में जबरदस्त तेजी, बुनियादी ढांचे में निवेश पर राजकोषीय जोर और प्रमुख क्षेत्रों के कॉरपोरेट निवेश में सुधार का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2022-23 में वस्तु निर्यात 6 फीसदी बढ़ गया जबकि सेवा निर्यात में भी तेजी बरकरार है।

First Published - April 21, 2023 | 8:50 PM IST

संबंधित पोस्ट