वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में तेजी बनी हुई है। इस साल जुलाई में GST राजस्व पिछले साल जुलाई की तुलना में 11 फीसदी बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा। यह 5वां मौका है जब किसी महीने 1.6 लाख करोड़ रुपये जीएसटी आया है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था मजबूत है, आर्थिक वृद्धि हो रही है और केंद्र तथा राज्य सरकारें कर चोरी रोकने के लिए सख्ती कर रही हैं।
GST प्राप्ति का औसत मासिक आंकड़ा सरकार के अनुमान के मुताबिक है। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में हर महीने औसतन 1.60 से 1.65 लाख करोड़ रुपये GST संग्रह का अनुमान लगाया था। अर्थशास्यिों और विशेषज्ञों के अनुसार अगर GST संग्रह की रफ्तार वित्त वर्ष के बाकी 8 महीनों में इसी तरह बनी रही तो चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय GST राजस्व का लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा। त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ने से राजस्व और बढ़ सकता है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में 8.11 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय GST राजस्व का लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब बाकी बचे महीनों में हर महीने 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक GST आएगा। हमें उम्मीद है कि यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा।’
वित्त वर्ष 2024 में सरकार ने GST से 9.56 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमान 8.54 लाख करोड़ रुपये से 11.9 फीसदी अधिक है। चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय GST से 8.11 लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में 7.25 लाख करोड़ रुपये का संशोधित अनुमान था।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अंतरिम आंकड़ों के मुताबिक कुल संग्रह में केंद्रीय GST 29,773 करोड़ रुपये, राज्य GST 37,623 करोड़ रुपये और एकीकृत GST 85,930 करोड़ रुपये रहा, जिसमें वस्तुओं के आयात से 41,239 करोड़ रुपये शामिल हैं। जुलाई 2023 में उपकर संग्रह 11,779 करोड़ रुपये रहा। जुलाई महीने में घरेलू लेनदेन से प्राप्त राजस्व पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15 फीसदी बढ़ा है।
नायर ने कहा, ‘घरेलू लेनदेन और आयातित वस्तुओं से प्राप्त राजस्व संग्रह में फर्क साफ नजर आता है। वस्तुओं के आयात से राजस्व संग्रह अप्रैल-जुलाई 2023 में साल भर पहले के मुकाबले महज 0.8 फीसदी बढ़ा है, जो वस्तुओं के आयात में कमी को दर्शाता है। आगे भी वस्तुओं का आयात कम रहने से इस मद में प्राप्तियां कम रहने की संभावना है।’
विशेषज्ञों ने कहा कि बेहतर अनुपालन और कर चोरी रोकने के खिलाफ चलाए गए अभियानों से GST संग्रह में इजाफा हुआ है। डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘ई-चालान के लिए कारोबार सीमा धीरे-धीरे घटाए जाने और राज्यों द्वारा GST ऑडिट की संख्या बढ़ाए जाने से GST का अधिक अनुपालन होने लगा है। इसीलिए महीना दर महीना GST संग्रह बढ़ रहा है।’
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में GST संग्रह दो अंक में बढ़ा है। दिल्ली में GST राजस्व पिछले जुलाई से 25 फीसदी बढ़कर 5,405 करोड़ रुपये रहा। उत्तर प्रदेश में यह 24 फीसदी बढ़कर 8,802 करोड़ रुपये रहा। महाराष्ट्र में GST संग्रह में 18 फीसदी का इजाफा हुआ और कुल संग्रह 26,024 करोड़ रुपये रहा।