facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ से नीचे आया; मासिक राजस्व लगातार 12वें माह 1.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा

Last Updated- March 01, 2023 | 10:56 PM IST
GST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह फरवरी महीने में 1.5 लाख करोड़ रुपये से कम हो गया है। फरवरी में 1.49 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह इसके पहले महीने में हुए कर संग्रह की तुलना में 5.1 प्रतिशत कम है।

जनवरी महीने में जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये हो गया था। यह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल में हुए 1.68 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह के बाद दूसरा सबसे बड़ा मासिक कर संग्रह था।

बहरहाल फरवरी में कर संग्रह एक साल पहले की समान अवधि में हुए 1.33 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा है। साथ ही जीएसटी राजस्व लगातार 12 महीने से 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी अनंतिम आंकड़ों में यह जानकारी दी है।

मंत्रालय ने पिछले महीने की तुलना में फरवरी में जीएसटी संग्रह में गिरावट की वजह 28 दिन का महीना होना बताया है, जिसकी वजह से तुलनात्मक रूप से कम राजस्व संग्रह हुआ है। वहीं इस महीने में जीएसटी लागू होने के बाद से सर्वाधिक उपकर संग्रह 11,931 करोड़ रुपये रहा है।

अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि सीजीएसटी संग्रह वित्त वर्ष के बजट अनुमान तक पहुंच जाएगा। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘फरवरी में जीएसटी संग्रह में पिछले माह की तुलना में गिरावट जनवरी में आंशिक रूप से तिमाही के अंत में आने वाले प्रवाह की वजह से है।’

कुल कर संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 27,662 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 34,915 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 75,069 करोड़ रुपये (इसमें 25,689 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात से संग्रहीत कर), जबकि उपकर 11,931 करोड़ रुपये (इसमें वस्तुओं के आयात पर लगे कर से आया 792 करोड़ रुपये शामिल) शामिल है।

माह के दौरान वस्तुओं के आयात से आया राजस्व 6 प्रतिशत ज्यादा था और इसमें घरेलू लेन-देन से कर (सेवाओं का आयात शामिल) पिछले साल से 15 प्रतिशत अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि इस महीने में सबसे ज्यादा उपकर संग्रह 11,931 करोड़ रुपये रहा है।

केपीएमजी इंडिया में अप्रत्यक्ष कर के पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, ‘घरेलू और आयात लेन-देन में वृद्धि दिलचस्व है। इससे संकेत मिलता है कि घरेलू बाजार में आत्मनिर्भरता बढ़ रही है और यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।’

राज्यवार संग्रह के बारे में डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि सभी बड़े राज्यों के कर संग्रह में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 10 से 24 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है और इससे आर्थिक वृद्धि का संकेत मिलता है और पता चलता है कि अनुपालन में सुधार का परिणाम आ रहा है।

First Published - March 1, 2023 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट