facebookmetapixel
MSME को बड़ी राहत: RBI ने सस्ते कर्ज के लिए बदले नियम, ब्याज अब हर 3 महीने पर रीसेट होगानील मोहन से बिल गेट्स तक, टेक दुनिया के बॉस भी नहीं चाहते अपने बच्चे डिजिटल जाल में फंसेगोवा नाइटक्लब हादसे के बाद EPFO की लापरवाही उजागर, कर्मचारियों का PF क्लेम मुश्किल मेंSwiggy ने QIP के जरिए जुटाए ₹10,000 करोड़, ग्लोबल और घरेलू निवेशकों का मिला जबरदस्त रिस्पांससिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समारोह के पास गोलीबारी, कम से कम 10 लोगों की मौतऑटो इंडस्ट्री का नया फॉर्मूला: नई कारें कम, फेसलिफ्ट ज्यादा; 2026 में बदलेगा भारत का व्हीकल मार्केटDelhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक प्रदूषण, CAQM ने आउटडोर खेलों पर लगाया रोकशेयर बाजार में इस हफ्ते क्यों मचेगी उथल-पुथल? WPI, विदेशी निवेशक और ग्लोबल संकेत तय करेंगे चालFPI की निकासी जारी, दिसंबर के 12 दिनों में ही ₹18 हजार करोड़ उड़ गएसस्ता टिकट या बड़ा धोखा? हर्ष गोयनका की कहानी ने खोल दी एयरलाइंस की पोल

GDP में हुआ इजाफा, मगर नहीं उबर पाया खनन क्षेत्र

Last Updated- June 02, 2023 | 9:50 AM IST
GDP base year revision: Government considering changing the base year for GDP calculation to 2022-23 जीडीपी गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर 2022-23 करने पर विचार कर रही सरकार

अर्थव्यवस्था कोविड पूर्व के स्तर की तुलना में शानदार ढंग से बढ़ी है लेकिन चार साल के बाद भी खनन क्षेत्र उबर नहीं पाया है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2022-23 में इस खंड के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 4.6 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि 2018-19 की तुलना में 2022-23 में मूल्य के संदर्भ में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि खनन क्षेत्र में कोरोना पूर्व के 2019-20 के GVA में सालाना आधार पर गिरावट हुई लेकिन 2019-20 की तुलना में 2022-23 में 2.4 फीसदी की वृद्धि हुई।

2018-19 की तुलना में 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में खनन में गिरावट आई। इसमें दूसरी तिमाही में गिरावट बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई। हालांकि पहली और दूसरी तिमाही में क्रमश 1.4 फीसदी और 1.6 फीसदी की गिरावट आई। 2022-23 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 0.1 फीसदी की गिरावट आई और 2019-20 की तुलना में अधिक 0.4 फीसदी की गिरावट आई। दूसरी तरफ कोविड से पूर्व के स्तर की तुलना में 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो अंकों में वृद्धि हुई। यह सालाना आधार पर 7.2 फीसदी की दर से बढ़ा। हालांकि 2019-20 की तुलना में 10.12 की वृद्धि हुई और 2018-19 की तुलना में 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और धातुओं जैसे तांबा और लौह अयस्क में इन उत्पादों की प्रकृति के कारण असामान्य वृद्धि हुई। इस क्रम में मूल्य अधिक बढ़ने के कारण कच्चे तेल का उत्पादन अधिक हुआ कई उत्पादों के दाम गिरने के कारण कंपनियों ने उत्पादन कम किया।

Also read: नौकरी छोड़ने की ऊंची दर से बढ़ जाता है बैंकों का ऑपरेशन रिस्क, RBI के डिप्टी गवर्नर ने जताई चिंता

उन्होंने कहा, ‘साथ ही कुछ ही क्षेत्रों में संभावनाएं खोजी गईं, जिसकी वजह से वृद्धि सीमित रही। कोयला संभवतः एकमात्र खनिज है, जिसमें बेहतर वृद्धि हुई है। हालांकि इस क्षेत्र में भी हड़ताल, बारिश के साथ परिवहन जैसे लॉजिस्टिक्स जैसे मसले सामने आए। गुणवत्ता में अंतर के कारण हम कोयले का ज्यादा आयात करते हैं और इसलिए उत्पादन में उतार चढ़ाव होता है।’

जीवीए में मूल्यवर्धन महत्त्वपूर्ण होता है। अन्यथा मात्रा के हिसाब से खनन का उत्पादन 2022-23 में पिछले साल से 5.8 प्रतिशत, 2019-20 की तुलना में 9.4 प्रतिशत बढ़ा है।

First Published - June 1, 2023 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट