भारतीय रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 10 मार्च को समाप्त सप्ताह में 2.4 अरब डॉलर घटकर 560 अरब डॉलर रह गया है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की प्रमुख वजह रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा संपत्ति में आई कमी की वजह से है, जो 2.2 अरब डॉलर घटकर 494.86 अरब डॉलर रह गया है। पिछले सप्ताह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
3 मार्च को समाप्त सप्ताह में रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 1.5 अरब डॉलर बढ़ा था। मुद्रा के डीलरों ने कहा कि पिछले 6 महीने के दौरान रिजर्व बैंक ने अमेरिकी डॉलर की बिकवाली की है, जिससे कि रुपये की विनिमय दर में भारी उतार चढ़ाव को रोका जा सके।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में कई बार की गई बढ़ोतरी के कारण फरवरी से ही घरेलू मुद्रा में उतार चढ़ाव की स्थिति रही है।
कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने की वजह से पिछले 9 दिन से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अब फेडरल रिजर्व दरों में बढ़ोतरी कम करेगा। बहरहाल इससे रुपये को बहुत लाभ नहीं हुआ है क्योंकि जोखिम से बचने की वैश्विक लहर के कारण निवेशकों ने डॉलर में सुरक्षा महसूस किया है।