साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, जैम और नूडल्स सहित कई दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। जीएसटी के इस नए ढांचे पर अपनी रिपोर्ट में नोमूरा ने कहा, ‘जीएसटी परिषद ने कई प्रमुख और वस्तुओं की श्रेणियों के लिए भी जीएसटी दरों को 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। यह बड़ी कटौती है। इससे दबाव से जूझते उपभोग को राहत और बिक्री वृद्धि में मदद मिलेगी, औपचारिकता को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि भारत में कई श्रेणियों में अब भी असंगठित, स्थानीय और क्षेत्रीय भागीदारों की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है।’
जीएसटी की ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। नोमूरा के अनुसार दरों में इस कटौती का मुख्य लाभ पाने वालों में कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) शामिल है, जिसका पूरा पोर्टफोलियो 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत में आ गया है। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज को भी लाभ होगा क्योंकि उसकी 85 प्रतिशत बिक्री 5 प्रतिशत की निचली दर के दायरे में आ गई है, खास तौर पर बिस्कुट और केक। हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को भी लाभ होगा, क्योंकि उसके पोर्टफोलियो का 40 प्रतिशत हिस्सा कटौती वाले दायरे में आने की उम्मीद है।
डाबर इंडिया के मामले में उसकी समूची बिक्री का 50 प्रतिशत हिस्सा कम दर के दायरे में है। उसकी बिक्री का 28 प्रतिशत हिस्सा टूथपेस्ट, शैंपू, हेयर ऑयल और ग्लूकोज से आता है। ये सभी अब 5 प्रतिशत कर दायरे में हैं, जो पहले 18 प्रतिशत में थे। और अन्य 25 प्रतिशत भाग जूस, डाइजेस्टिव, एथिकल्स और टूथ पाउडर से आता है और इनका भी कर दायरा घटकर 5 प्रतिशत हो गया, जो पहले 12 प्रतिशत था।
यह भी पढ़ें: GST बढ़कर 28% से 40% होगा, फिर भी ITC समेत सिगरेट कंपनियों के शेयरों में तेजी; जानें कारण
एचयूएल की मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रिया नायर ने कहा, ‘जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में दरों को दुरुस्त करने की घोषणा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक और प्रगतिशील कदम है। इस बदलाव के लिए हम सरकार का आभार जताते हैं, जिससे कर संरचनाएं सरल हो गई हैं, उपभोक्ताओं की पहुंच बढ़ेगी जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक प्रगति होगी। हम दरें घटने का लाभ उन्हें देंगे।’
डाबर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने इसे ‘सामयिक और परिवर्तनकारी कदम’ बताते हुए कहा, ‘भारत जब त्योहारी सीजन में प्रवेश करेगा तो यह कटौती उपभोक्ताओं के मनोबल को ऊर्जा देगी। यह कदम उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला और एफएमसीजी क्षेत्र को गति देने वाला है। साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट जैसी आवश्यक वस्तुएं अब लाखों परिवारों के लिए और ज्यादा सस्ती हो गई हैं। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में मांग को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक का काम करेगी, जिससे परिवार गुणवत्ता से समझौता किए बिना सेहत और स्वच्छता को प्राथमिकता दे सकेंगे।’
नोमूरा की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में कई श्रेणियों में असंगठित/स्थानीय/क्षेत्रीय कंपनियों की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। इससे उपभोक्त बेहतर उत्पादों की ओर आकर्षित होने चाहिए और यह संगठित कंपनियों के लिए दीर्घकालिक रूप से सकारात्मक है।
यह भी पढ़ें: GST रिफॉर्म्स से ऑटो स्टॉक्स में उछाल, Hero से लेकर Maruti तक किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलीश ने पनीर, चीज, घी, मक्खन, अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर (यूएचटी) दूध, दूध आधारित पेय पदार्थों और आइसक्रीम पर जीएसटी में कटौती का स्वागत किया। बंदलिश ने कहा, ‘इस कदम से देश भर में मूल्य संवर्धित डेरी उत्पादों की सामर्थ्य और पहुंच में इजाफा होगा। यह पैकेट बंद श्रेणियों को बड़ा बढ़ावा है जो भारतीय परिवारों में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।
देश के अग्रणी डेरी संगठनों में से एक होने के नाते हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। ’ मैरिको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी सौगत गुप्ता ने इन सुधारों को ‘उपभोग में तेजी लाने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करने की दिशा में बड़ी छलांग’ बताया।