वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 5 राज्यों की अर्थव्यवस्थाएं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से सुस्त रह सकती हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक 15 राज्यों ने वित्त वर्ष 23 के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अनुमान प्रस्तुत किया है।
इन 5 राज्यों में पंजाब ने 2022-23 में राष्ट्रीय जीडीपी वृद्धि दर 7.24 प्रतिशत से कम जीएसडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। पंजाब का जीएसडीपी सिर्फ 6.08 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। ऐसा 2021-22 में भी हुआ था, जब राज्य की अर्थव्यवस्था 6.29 प्रतिशत बढ़ी थी, जबकि जीडीपी वृद्धि दर 9.05 प्रतिशत थी।
इसके अलावा 4 राज्यों में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा शामिल हैं, जिन्होंने 7 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सिर्फ पंजाब ने अनुमान लगाया है कि उसकी वृद्धि दर इससे कम रहेगी।
आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा का पिछले साल का आधार राष्ट्रीय स्तर की जीडीपी वृद्धि से थोड़ा ज्यादा था। बहरहाल उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पंजाब की ही तरह 2021-22 के दौरान जीडीपी वृद्धि से सुस्त रह सकती है।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था 2018-19 में दो अंकों में 10.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। उसके बाद दो साल तक राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती रही। राज्य की आर्थिक वृद्धि अगले साल गिरकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई, जो राष्ट्रीय जीडीपी वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत से कम है। ज्यादातर अन्य राज्यों की तरह हरियाणा की अर्थव्यवस्था भी 2020-21 के दौरान कोविड की बंदी की वजह से संकुचित हुई।
बहरहाल संकुचन की दर 6.2 प्रतिशत रही, जो उस साल के राष्ट्रीय जीडीपी के 5.8 प्रतिशत संकुचन की तुलना में ज्यादा है। 2021-22 में राज्य की अर्थव्यवस्था एक बार फिर दो अंकों में 11.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, क्योंकि पहले के साल के कम आधार का असर था।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी 2018-19 के दौरान बहुत तेज 9.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी, लेकिन अगले साल यह वृद्धि दर घटकर आधे से कम 4.5 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन उसके अगले साल दो अंकों की वृद्धि दर 10.4 प्रतिशत रही।
जिन राज्यों में 2022-23 में राष्ट्रीय जीडीपी से तेज आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, उनमें सिर्फ असम में दो अंकों की वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। मेघालय की अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
पश्चिम बंगाल और राजस्थान की अर्थव्यवस्था 2021-22 में दो अंकों में बढ़ी थी, लेकिन अगले साल 8 प्रतिशत से थोड़ा अधिक वृद्धि का अनुमान है। जीडीपी के हिसाब से बड़े राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश को अभी 2022-23 के लिए अपना अनुमान देना है।