facebookmetapixel
Delhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याजड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी

तेज़ ग्रोथ के लिए शुल्क कटौती हो सकती है गेम-चेंजर – नीति आयोग के उपाध्यक्ष

बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन के दूसरे और अंतिम दिन नीति, बाजार, रोजगार, श्रम, लक्जरी, कृषि, अक्षय ऊर्जा और स्टार्टअप क्षेत्र के दिग्गजों ने बदलते दौर में भारत की स्थिति पर की चर्चा

Last Updated- March 01, 2025 | 7:44 AM IST
Niti Aayog Vice Chairperson Suman Bery

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने आज कहा कि शुल्कों की दर से किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि पर बहुत असर पड़ता है। दूसरे बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन के दौरान आज फायरसाइड चैट में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में 7 फीसदी की दर से लगातार प्रतिस्पर्द्धी वृद्धि पानी है तो शुल्क कटौती एक रास्ता हो सकती है। बेरी ने कहा, ‘जरूरी नहीं है कि हम वह करें, जिससे अमेरिका का फायदा होता हो। हमें वह करना चाहिए, जो हमारे हित में हो।’

नई दिल्ली में दो दिन के सम्मेलन के अंतिम दिन बातचीत के दौरान बेरी ने कहा कि भारतीय नीति निर्माताओं को इस बात का लगातार ध्यान रखना चाहिए कि डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन से देश पर क्या परोक्ष असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और वैश्विक वृद्धि तथा डॉलर एवं अमेरिकी बॉन्ड यील्ड जैसी वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों का उस पर बहुत असर पड़ता है। बेरी ने ध्यान दिलाया कि जलवायु परिवर्तन और तकनीक की चुनौतियों के कारण दुनिया को बड़ा निवेश करना होगा।

मंथन के अंतिम दिन चर्चा के कई सत्र हुए, जिनमें देश के शीर्ष विचारक एक साथ जुटे। इनमें शीर्ष सरकारी अधिकारियों से लेकर कंपनियों के अगुआ और स्टार्टअप उद्यमी तक सभी शामिल थे। रोजगार के भविष्य पर पैनल चर्चा के दौरान श्रम सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन की योजना आ रही है। उन्होंने कहा, ‘जब हम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और डिजिटल माध्यमों को देखते हैं तो उनसे अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन भी होना चाहिए। आईटी क्षेत्र में एआई का संगम होने से और भी रोजगार आएंगे। पर्यटन, स्वास्थ्य और अंतरराष्ट्रीय आवाजाही से भी रोजगार में वृद्धि होने जा रही है।’

एचसीएल के संस्थापकों में शामिल अजय चौधरी ने कहा कि सरकार के लिए रणनीतिक अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी के मामले में देश के प्रभुत्व की ज्यादा अहमियत होनी चाहिए। उन्होंने एक अलग प्रौद्योगिकी मंत्रालय बनाने की राय भी दी। उन्होंने कहा कि सरकार को सेमीकंडक्टर और क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए योजना बनानी चाहिए।

चौधरी ने कहा, ‘हमें खुद को क्वांटम के लिहाज से सुरक्षित बनाना होगा। हर छोटा देश इसमें बड़ी रकम निवेश कर रहा है क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर आते ही हर देश की साइबर सुरक्षा के लिए खतरा खड़ा हो जाएगा।’ नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि छोटे किसान बाजार के संकेतों पर तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं और तकनीक को भी जल्दी अपनाते हैं। उन्होंने कहा, ‘कृषि भारत की ताकत थी, है और

आगे भी रहेगी। एक पैनल चर्चा में चंद ने कहा कि पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है मगर देश भर में कृषि से होने वाली आय में काफी अंतर है। उन्होंने कहा, ‘पंजाब में कृषि क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं मगर यह ऐसा मॉडल है जिसके तहत कृषि में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है और किसान की आय गैर-किसान की तुलना में अधिक हो सकती है।’

हीलीऑस कैपिटल के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी समीर अरोड़ा ने फायरसाइड चैट में कहा कि पूंजीगत लाभ कर ने विदेशी निवेशकों की धारणा को खराब कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत सहित दुनिया भर में सबसे बड़े निवेशक विदेशी सॉवरिन फंड, पेंशन फंड, यूनिवर्सिटियां और उच्च धनाढ्य निवेशक (एचएनआई) हैं। उनके लाभ पर कर लगाना सरकार की बड़ी गलती है। खास तौर पर ऐसे समय में जब उनके देश में कोई कर छूट उपलब्ध नहीं हो और वे विदेशी मुद्रा से संबंधित जोखिमों का सामना कर रहे हैं।’

डिक्सन टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और चेयरमैन सुनील वचानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत दुनिया के सामने चीन के विकल्प की तलाश में लाभ की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत को मुक्त व्यापार समझौता होने तक पारस्परिक शुल्क पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

फायरसाइड चैट में वचानी ने कह, ‘हम जिन उत्पादों का विनिर्माण करते हैं, उनमें से कुछ के लिए सबसे बड़ा बाजार हैं, हमारे पास पर्याप्त श्रम हैं, हम डिजाइन और विनिर्माण में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। हमने यह दिखाया है कि यदि हमारे श्रमबल को सही इनपुट दिए जाएं तो यह कई अन्य देशों की तुलना में दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक हो सकता है।’

हुबलॉ के मुख्य कार्याधिकारी जुलियन टॉर्नेर ने कहा कि जब लक्जरी की बात आती है तो भारत में काफी संभावनाएं हैं। लक्जरी क्यों मायने रखती है, इस पर उन्होंने कहा, ‘लक्जरी उपलब्धि और खुशी की बड़ी भावना प्रदान करती है।’पहली बार भारत की यात्रा पर आए टॉर्नेर ने कहा कि भारत दमदार पर्यटन परिवेश तैयार कर सकता है ताकि भारत आने वाले लोगों को न केवल यहां की संस्कृति, खान-पान और विरासत से बल्कि इसके ब्रांडों से भी रूबरू होने का मौका मिले।

First Published - March 1, 2025 | 7:44 AM IST

संबंधित पोस्ट