अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप देने के मकसद से वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल इस सप्ताह के अंत में अमेरिका जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। अधिकारियों की एक टीम इस सप्ताह अमेरिका जाएगी। दोनों पक्षों ने पहले कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा, इसलिए दोनों पक्ष जल्द से जल्द व्यापार सौदे को अंमित रूप देने की कवायद में जुटे हैं।
असल में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के अधिकारियों का एक दल अक्टूबर में आधिकारिक दौर की वार्ता के लिए दिल्ली आने की योजना बना रहा था। मगर अमेरिका में चल रहे शटडाउन को देखते हुए अब भारतीय दल आमने-सामने की वार्ता करने के लिए अमेरिका की यात्रा करेगा। अमेरिकी सरकार शटडाउन का सामना कर रही है, ऐसे में अभी भी स्पष्ट नहीं है कि बातचीत के इस दौर को आधिकारिक कहा जाएगा या नहीं।
यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत और भारत में अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर की नई दिल्ली यात्रा के बाद हो रही है। पिछले हफ्ते मोदी ने ट्रंप को फोन कर गाज़ा शांति योजना पर बधाई दी थी। दोनों नेताओं ने व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की।
रविवार को भारत में अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर ने नई दिल्ली में राजेश अग्रवाल के साथ एक महत्त्वपूर्ण बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और अमेरिका में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया। यह बैठक 9 से 14 अक्टूबर तक गोर की भारत यात्रा के दौरान हुई। इसके अलावा पिछले महीने न्यूयॉर्क में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापार समझौते की संभावित रूपरेखा पर चर्चा की और विचारों का आदान-प्रदान किया था।
अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) को ब्रसेल्स में शुक्रवार को संपन्न हुए मुक्त व्यापार समझौता वार्ता के दौरान कृषि, वाहन और कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) से संबंधित मामलों का समाधान नहीं हो पाया। वर्ता का 14वां दौर 6 से 10 अक्टूबर तक ब्रसेल्स में हुआ था।