इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार को जो विशेष आर्थिक पैकेज दिया है, उससे खजाने पर 20,000 से 30,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वित्त वर्ष 2024-25 में आंध्र प्रदेश को 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं और बिहार को 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। इसमें से ज्यादातर रकम का आवंटन ‘राज्यों को अंतरण – विशेष सहायता मांग’ मद के अंतर्गत किया गया है।
वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट में इस मद में 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन पूर्ण बजट में आवंटन 4 गुना बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये हो गया। बिहार और आंध्र प्रदेश केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की स्थिरता के लिहाज से महत्त्वपूर्ण सहयोगी हैं। दोनों राज्यों ने बजट से पहले हुई बैठकों में अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज मांगे थे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछले शुक्रवार को राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र भी जारी किया, जिसमें कहा गया कि राज्य को वित्त वर्ष 2025 के लिए आवश्यक खर्च पूरे करने के लिए अतिरिक्त 19,107 करोड़ रुपये की जरूरत है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 5 बार आंध्र प्रदेश और बिहार का जिक्र किया था। आंध्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त रकम के साथ चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगी। मगर इसका वित्त वर्ष 2025 में केंद्र पर कोई वित्तीय असर नहीं पड़ेगा।
वित्त मंत्री ने कहा था, ‘हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए रकम का इंतजाम करने और उसे जल्द पूरा कराने में लगी हुई है। यह परियोजना आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा है। इससे देश की खाद्य सुरक्षा को भी बल मिलेगा।’
बजट में विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे पर कोप्पर्ती नोड और हैदराबाद-बेंगलूरु औद्योगिक गलियारे पर ओरवाकल नोड में पानी, बिजली, रेल और सड़क जैसी सुविधाओं के लिए धन मुहैया कराने का भी वादा किया गया है।
सीतारमण ने बिहार के लिए कुल 58,900 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। बिहार में राजमार्गों के लिए 26,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर और बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेसवे के साथ ही बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन के पुल बनाए जाएंगे।
बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2,400 मेगावाट क्षमता की नई बिजली परियोजना लगाने की भी घोषणा की गई। सिंचाई और बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के हिस्से के तहत 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली कोसी-मेची अंतरराज्य लिंक परियोजना के लिए आर्थिक मदद का वादा किया गया है।