इस वित्त वर्ष की शुरुआत के दौरान उधारी में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई। वित्त वर्ष में 5 मई तक बैंकों की उधारी में सालाना आधार पर 15.5 फीसदी वृद्धि हुई जबकि बीते वर्ष की इस आलोच्य अवधि में 11.8 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई थी। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान नकदी जमा भी बेहतर रही। नकदी जमा में सालाना आधार पर 10.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि बीते साल (वित्त वर्ष 23) की आलोच्य अवधि में 9.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
वित्त वर्ष 23 में उधारी 15 फीसदी और नकदी जमा 9.6 फीसदी की दर से बढ़ा। इस वित्त वर्ष (24) में सापेक्ष रूप से बैंकों की उधारी 2.29 लाख करोड़ बढ़कर 139.04 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि वित्त वर्ष 23 की आलोच्य अवधि में यह 1.49 लाख करोड़ रुपये बढ़ी थी।
देयता गतिविधियां बीते साल की तुलना में बेहतर रही और बैंकों ने 5 मई, 2023 तक जमा से 3.91 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे जबकि बीते साल (वित्त वर्ष 23) की इस आलोच्य अवधि में 2.30 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। 5 मई, 2023 तक उधारी की तुलना में जमा की गई राशि 1.62 लाख करोड़ रुपये अधिक रही थी जबकि बीते साल की इस आलोच्य अवधि में यह राशि 0.81 लाख करोड़ रुपये अधिक थी।
इस सप्ताह की शुरुआत में केयर रेटिंग्स ने बैंकिंग कारोबार की अपनी समीक्षा में कहा था कि हाल के महीनों में ब्याज दर बढ़ने के बावजूद बैंकों की उधारी जबरदस्त रही। सभी खंडों में उधारी में वृद्धि हुई जिसमें व्यक्तिगत ऋण और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में मुख्यतौर पर बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा सभी खंडों में पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी होने से औद्योगिक उधारी बढ़ोतरी में वृद्दि होने की उम्मीद है। हालांकि वित्त वर्ष 23 की तुलना में वित्त वर्ष 24 में उधारी वृद्धि में मामूली बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।