ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को कुछ राहत दिए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ई-गेमिंग, कसीनो और रेसिंग पर 28 प्रतिशत कर लगाए जाने के फैसले से चालू वित्त वर्ष के दौरान वस्तु एवं सेवा कर के रूप में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व आने की उम्मीद कर रही है। नया कानून 1 अक्टूबर से लागू होगा।
इस अनुमान के बारे में जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अनुमानित राजस्व इस बात पर निर्भर होगा कि नई लागत को लेकर मांग कितनी बनी रहती है। यह अनुमान गेमिंग उद्योग के कुल कारोबार के आधार पर है। कारोबार में एक बार किया गया भुगतान शामिल है। कई बार के खेल को कई बार कारोबार में शामिल नहीं किया गया है।’
अधिकार प्राप्त समिति ने बुधवार को ई-गेमिंग फर्मों को कुछ राहत देते हुए शुरुआती स्तर पर हर गेमिंग सत्र में लगाए गए दांव पर जीएसटी लगाने का फैसला किया था, सट्टे के हर दौर को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
Also read: Online gaming पर 1 अक्टूबर से लगेगा GST, जानें कितनी होगी दर
अधिकारी ने आगे कहा, ‘परिषद की बैठक कर ढांचे में स्पष्टता लाने और जीएसटी कानून में इन गतिविधियों को लेकर कानूनी बदलाव के मकसद से हुई। इस बैठक में लगाए गए कर को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई, जिसके बारे में परिषद की पहले की बैठक में पहले ही फैसला कर लिया गया था।
इस बात को लेकर स्पष्टता दी गई कि दांव लगाने की फेस वैल्यू क्या होगी। यह जटिल मसला था क्योंकि हर दांव पर नजर रखना और उन पर लगाई राशि को देखना असंभव है। लेकिन इसकी वजह से आने वले राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
राजस्व के अधिकारियों ने परिषद को बताया कि इन तीन गतिविधियों (ई-गेमिंग, रेसिंग और कसीनो) से वित्त वर्ष 23 के दौरान 2,000 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक राजस्व आया था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि मौजूदा कानून में विसंगतियों के कारण संभावित कर चोरी हो रही है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि अगर उल्लिखित गतिविधियों में लगने वाली राशि की मात्रा पहले जितनी बनी रहती है तो कुल कर संग्रह 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगा।
Also read: Tax on Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग टैक्स को फाइनल करने के लिए मीटिंग 2 अगस्त को
वित्त वर्ष 23 में सरकार ने जीएसटी से 9.56 लाख करोड़ रुपपे जुटाने की योजना बनाई है, जो वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान 8.54 लाख करोड़ रुपये की तुलना में करीब 11.9 प्रतिशत ज्यादा है।
वित्त वर्ष 23 में सीजीएसटी से प्राप्तियां 8.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान में 7.24 लाख करोड़ रुपये था। नियमित निपटान के बाद जुलाई 2023 में केंद्र व राज्यों का राजस्व क्रमशः 69,558 करोड़ रुपये और 70,811 करोड़ रुपये था।
एक कर विशेषज्ञ ने कहा, ‘अगर हम सीजीएसटी और एसजीएसटी के संग्रह से आई कुल अनुमानित राशि 18 से 19 लाख करोड़ रुपये मानें तो इन गतिविधियों से आने वाले राजस्व की कुल संग्रह में हिस्सेदारी 1 से 2 प्रतिशत होगी। हालांकि ज्यादा शुल्क लगाए जाने और नए कर ढांचे की वजह से इस तरह की गतिविधियों की मांग घट सकती है।’