Vedanta Nuclear power plant in India: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांत लिमिटेड (Vedanta Limited) भारत में 5 गीगावॉट न्यूक्लियर पावर (five gigawatts of nuclear power) कैपेसिटी विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए अरबपति अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की अगुवाई में कंपनी ने ग्लोबल कंपनियों (globals firms) से बोली (bids) मंगाई है। वेदांत इस न्यूक्लियर पावर का उपयोग अपनी फैक्ट्रियों और अन्य प्लाटों की ऊर्जा जरूरतों (energy needs) को पूरा करने के लिए करेगा। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, माइनिंग सेक्टर के दिग्गज अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांत ग्रुप ने न्यूक्लियर पावर प्लांट डिजाइन, बिल्डिंग और ऑपरेशन में विशेषज्ञता रखने वाली ग्लोबल कंपनियों से रुचि पत्र (Expression of Interest – EOI) आमंत्रित किए हैं। यह जानकारी वेदांता लिमिटेड की वेबसाइट पर पब्लिश एक विज्ञापन में दी गई। कंपनी ने गुरुवार को बताया कि प्रारंभिक बोलियां (Initial Bids) 30 दिनों के भीतर जमा करनी होंगी।
इस महीने की शुरुआत में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की थी कि भारत न्यूक्लियर पावर जेनरेशन में निजी कंपनियों को अनुमति देने के लिए विधायी संशोधन (Legislative Amendments) करेगा। इसके तहत, देश अपने मौजूदा दायित्व कानून (Liability Law) में बदलाव करेगा, जो मूल रूप से सुरक्षा उपाय के रूप में लाया गया था, लेकिन बाद में निजी कंपनियों के लिए इस सेक्टर में प्रवेश करने में एक बड़ी बाधा बन गया।
कानून में बदलाव तय माने जा रहे हैं, और इसी के साथ भारत का ध्यान अब छोटे और मॉड्यूलर रिएक्टर्स (Small & Modular Reactors) पर केंद्रित हो गया है। हालांकि, यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके कई फायदे हैं, जैसे कम प्रारंभिक पूंजी लागत (Lower Upfront Capital Costs) और जरूरत के हिसाब से स्केल बढ़ाने की क्षमता।
वेदांता ने अपने विज्ञापन में कहा है कि वह न्यूक्लियर प्लांट्स के लिए भूमि, बुनियादी ढांचा सहायता (Infrastructure Support) और नियामक मंजूरी (Regulatory Approvals) की व्यवस्था करेगा। कंपनी का कारोबार कच्चे तेल के उत्पादन से लेकर एल्युमिनियम और जिंक उत्पादन तक फैला हुआ है, और इसके प्लांट देशभर में मौजूद हैं।