अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की वेदांत रिसोर्सेज ने 1.2 अरब डॉलर की बॉन्ड जारी करने की योजना को फिलहाल टाल दिया है। अमेरिका में अरबपति कारोबारी और भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी पर रिश्वत देने के आरोप के बाद बाजार में आई उथल-पुथल के बीच कंपनी ने यह फैसला किया है। अदाणी समेत अन्य लोगों पर 25 अरब डॉलर रिश्वत देने का आरोप है। वेदांत के डॉलर बॉन्ड निर्गम की कीमत गुरुवार को तय होनी थी।
वेदांत रिसोर्सेज ने साल 2028 में अपने ऋण दायित्व को चुकाने के उद्देश्य से डॉलर बॉन्ड के जरिये रकम जुटाने की योजना बनाई है। इसी क्रम में कंपनी ने अपने निवेशकों के साथ इस हफ्ते बैठक भी की। हालांकि, वेदांत ने इस मसले पर भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अदाणी और अदाणी समूह से जुड़े कुछ अन्य लोगों पर रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इसके बाद अदाणी समूह की अक्षय ऊर्जा कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी ने 60 करोड़ डॉलर का बॉन्ड जारी करने से इनकार कर दिया। अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद गुरुवार को अदाणी समूह के डॉलर बॉन्ड में गिरावट आई है।
नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि बाजार में अभी सावधानी है और निवेशक भी भारतीय जारीकर्ताओं के प्रति सतर्कता बरत रहे हैं।
बैंकरों ने कहा कि विदेश से रकम जुटाने चाहत रखने वाली भारतीय कंपनियों के लिए लघु अवधि की कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसा वेदांत रिसोर्सेज के मामले में दिखा है। मगर उच्च यील्ड वाले पत्रों की जबरदस्त मांग के मद्देनजर भारतीय उद्योग जगत दीर्घावधि में डॉलर बॉन्ड बाजार से रकम जुटाना जारी रखेगा।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवास ने कहा, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक हर कंपनी का मूल्यांकन उसकी अपनी खूबियों के आधार पर करते हैं। भले ही अभी शुरुआती बाजार प्रतिक्रियाओं से भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी बाजार में थोड़ी उथल-पुथल हो सकती है मगर मेरा मानना है कि भारतीय कंपनियां प्रतिस्पर्धी दरों पर विदेशी बाजार से रकम जुटाना बरकरार रहेगी, जो उनके मजबूत वित्तीय सिद्धांतों में दुनिया के भरोसे को दर्शाता है।’
चालू वित्त वर्ष में अब तक (अक्टूबर तक) भारतीय कंपनियों ने बॉन्ड के जरिये विदेशी निवेशकों से करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कुछ प्रमुख जारीकर्ताओं में मणप्पुरम फाइनैस, संवर्धन मदरसन इंटरनैशनल, पीरामल कैपिटल, आरईसी लिमिटेड समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं।
प्राइम डेटाबेस के आंकड़े दर्शाते हैं कि, वित्त वर्ष 2024 में देसी कंपनियों ने विदेशी निवेशकों से 45,000 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक जुटाए थे। इनमें प्रमुख जारीकर्ता भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, अदाणी ग्रीन एनर्जी और आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं।