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चीन के प्रभाव को रोकने के लिए US का बड़ा दांव, Adani के श्रीलंका पोर्ट में किया 553 मिलियन डॉलर का निवेश

अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के निकट होने के कारण, कोलंबो का बंदरगाह हिंद महासागर में सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है।

Last Updated- November 08, 2023 | 11:39 AM IST
Adani ports

श्रीलंका की राजधानी में भारतीय अरबपति Gautam Adani द्वारा विकसित किए जा रहे बंदरगाह टर्मिनल के लिए अमेरिका ने 553 मिलियन डॉलर के निवेश किया है। बता दें, नई दिल्ली और वाशिंगटन दक्षिण एशिया में चीन के प्रभाव को कम करना चाहते हैं। और यही वजह है कि अमेरिका ने इस क्रम में इतना बना निवेश करने का फैसला किया है।

ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, कोलंबो में गहरे पानी वाले वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के लिए इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कार्पोरेशन से वित्तपोषण अमेरिकी सरकारी एजेंसी का एशिया में सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश है, और विश्व स्तर पर इसका सबसे बड़ा निवेश है।

डीएफसी ने एक बयान में कहा, यह श्रीलंका की आर्थिक वृद्धि और “दोनों देशों के प्रमुख भागीदार भारत सहित इसके क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।”

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बता दें, पिछले साल आर्थिक मंदी से पहले कोलंबो द्वारा चीनी बंदरगाह और राजमार्ग परियोजनाओं पर खर्च किए जाने के बाद अब अमेरिकी की यह फंडिंग श्रीलंका पर बीजिंग के प्रभुत्व को कम करने के नए प्रयास के रूप में देखी दा रही है। वहीं भारत भी अपने पड़ोस में शक्ति संतुलन को झुकाना चाहता है।

यह फंडिंग डीएफसी निवेश के वैश्विक त्वरण का हिस्सा है, जो 2023 में कुल $9.3 बिलियन था। चीन ने पिछले साल के अंत तक द्वीप राष्ट्र में लगभग 2.2 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, जो इसका सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है। अमेरिकी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से श्रीलंका के कम उपयोग किए जाने वाले दक्षिणी हंबनटोटा बंदरगाह की आलोचना की है और इसे अस्थिर और चीन की “ऋण-जाल कूटनीति” का हिस्सा बताया है।

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डीएफसी ने कहा कि वह अपने “स्थानीय अनुभव और उच्च गुणवत्ता मानकों” पर भरोसा करते हुए प्रायोजक जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के साथ काम करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के निकट होने के कारण, कोलंबो का बंदरगाह हिंद महासागर में सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। सभी कंटेनर जहाजों में से लगभग आधे इसके जल क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। डीएफसी ने कहा कि वह दो वर्षों से 90% से अधिक उपयोग पर काम कर रहा है और उसे नई क्षमता की आवश्यकता है।

First Published - November 8, 2023 | 11:39 AM IST

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