अहमदाबाद की टॉरेंट समूह का प्रवर्तक मेहता परिवार प्रतिस्पर्धी फार्मा कंपनी सिप्ला का अधिग्रहण करने के लिए विदेशी बैंकों से पैसे जुटा सकता है। बैंकरों ने कहा कि विदेशी बैंकों से पूंजी जुटाने के लिए टॉरेंट के प्रवर्तक (प्रमोटर) सूचीबद्ध बिजली उत्पादन इकाई टॉरेंट पावर में अपनी हिस्सेदारी को गिरवी रख सकते हैं।
टॉरेंट पावर में टॉरेंट समूह के प्रवर्तकों की 53.6 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य बीते शुक्रवार को बंद शेयर भाव के आधार पर 18,643 करोड़ रुपये बैठता है। ऐसे में यह मेहता के लिए पूंजी जुटाने का महत्त्वपूर्ण जरिया हो सकता है।
बैंकरों का अनुमान है कि टॉरेंट को सिप्ला के प्रवर्तकों से 33.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश के लिए करीब 7.3 अरब डॉलर की जरूरत होगी।
इसके अलावा टॉरेंट के प्रवर्तकों की टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स में 71.25 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में वह पूंजी जुटाने के लिए कंपनी की कुछ हिस्सेदारी भी बेच सकते हैं। बीते शुक्रवार को बंद भाव के आधार पर टॉरेंट फार्मा में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी का मूल्य करीब 45,162 करोड़ रुपये था।
विश्लेषकों ने उम्मीद जताई कि सिप्ला के अधिग्रहण के वास्ते टॉरेंट के प्रवर्तक निजी इक्विटी (पीई) भागीदारों के साथ मिलकर 2.8 अरब डॉलर इक्विटी के तौर पर निवेश कर सकते हैं और 4.3 अरब डॉलर कर्ज से जुटाया जा सकता है।
टॉरेंट समूह के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
एक सूत्र ने बताया कि समूह अपने गैस वितरण कारोबार को 2025 तक सूचीबद्ध (लिस्ट) कराकर भी पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है। गैस वितरण कारोबार का स्वामित्व प्रवर्तक परिवार के पास है। इस कंपनी को देश के 34 जिलों में गैस वितरण का लाइसेंस मिला है और इसे सूचीबद्ध कराने से प्रवर्तकों को सिप्ला के अधिग्रहण के लिए लिए जाने वाले कर्ज को कम करने में मदद मिल सकती है।
टॉरेंट समूह ने सिप्ला के प्रवर्तकों को गैर-बाध्यकारी पेशकश की है, जिस पर सिप्ला की ओर से जल्द जवाब मिलने की उम्मीद है।
स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी के अनुसार प्रवर्तकों ने दोनों सूचीबद्ध इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी को गिरवी नहीं रखा है, जिससे उन्हें फार्मा उद्योग में बड़े सौदे के लिए पैसे जुटाने में आसानी होगी।
टॉरेंट के अलावा अमेरिका की पीई दिग्गज ब्लैकस्टोन ने भी सिप्ला के लिए बोली लगाई है मगर उसकी पेशकश टॉरेंट की तुलना में 30 फीसदी कम है। बैंकरों के अनुसार टॉरेंट ने करीब 900 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सिप्ला के लिए बोली लगाई है।
अगर यह सौदा सिप्ला के वर्तमान मूल्यांकन के आसपास होता है तो पीई तथा अन्य इक्विटी निवेशकों के स्वास्थ् क्षेत्र से रिटर्न हासिल करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। बैंकरों के अनुसार सिप्ला के मौजूदा शेयर भाव पर सौदा होता है तो इसकी संभावना है कि सिप्ला को खरीदने वाले रणनीतिक निवेशक को निजी इक्विटी निवेशक से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
बैंकरों ने कहा कि पीई निवेशक सिप्ला के मूल्य का पता लगाने के अवसर भी तलाश सकते हैं, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल फ्रैंचाइजी को सूचीबद्ध कराना भी शामिल हो सकता है।
विश्लेषकों ने कहा कि टॉरेंट के लिए यह अधिग्रहण उसके घरेलू बाजार में वृद्धि की रणनीति का मुख्य हिस्सा है। बीते समय में कंपनी के तीनों प्रमुख अधिग्रहण – एल्डर फार्मा, यूनिकेम लैबोरेटरीज और क्योरेश्यो हेल्थकेयर से टॉरेंट को अपने ब्रांड को बढ़ाने और लागत घटाने में सफलता मिली है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक ने नोट में कहा है, ‘सिप्ला का अधिग्रहण टॉरेंट द्वारा अभी तक किए गए किसी भी अधिग्रहण से बड़ा होगा। टॉरेंट के पिछले अधिग्रहणों से उलट सिप्ला का परिचालन कुशलता से किया जा रहा है और तालमेल बढ़ाने की संभावना सीमित है।’