वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के दौरान मुनाफे में सालाना आधार पर बढ़ोतरी, लेकिन कम कीमतों और ज्यादा आयात के बीच तिमाही आधार पर गिरावट के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील घरेलू मांग के संबंध में उत्साहित है। कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी जयंत आचार्य ने ईशिता आयान दत्त के साथ ऑडियो साक्षात्कार में कंपनी के परिदृश्य, व्यापार के सुरक्षा उपायों और विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की। संपादित अंश:
जेएसडब्ल्यू स्टील के शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर लगभग चार गुना उछाल आई, लेकिन तिमाही आधार पर 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। शेष वर्ष के मामले आपका क्या नजरिया है?
तिमाही आधार पर सीजनल तौर पर से कमजोर रहने वाले बाजार में कीमतों में गिरावट आई। अगस्त और सितंबर में आयात में कुछ बढ़त की वजह से मनोबल भी कुछ कमजोर रहा। इसलिए पहली तिमाही में कीमतों में वृद्धि में गिरावट का रुख रहा। विदेशी मुद्रा के घाटे ने भी करोपरांत लाभ (पीएटी) को तिमाही आधार पर नुकसान पहुंचाया।
हमने लागत उपायों और बेहतर उत्पाद मिश्रण के जरिये उस असर को कुछ हद तक कम किया, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही में हमारी दूसरी सबसे ज्यादा बिक्री रही, जो सीजनल रूप से कमजोर तिमाही होती है। इसलिए मांग की अनुकूल स्थिति बहुत अच्छा रही है।
और आगे का परिदृश्य कैसा है?
इस साल इस्पात की खपत में 9 प्रतिशत के आसपास वृद्धि का अनुमान है, यानी समूची वृद्धि के लिहाज से लगभग 1.35 से 1.4 करोड़ टन की वृद्धि।
खपत के नजरिये से देखें, तो जीएसटी सुधारों के साथ-साथ कम ब्याज दर, मुद्रास्फीति और आयकर ने मनोबल को मजबूत किया है। इसलिए उपभोग की स्थिति दमदार बनी रहेगी।
सरकार के पूंजीगत व्यय का प्रभाव दूसरी छमाही में बेहतर रूप से दिखाई देगा। जहां तक निजी पूंजीगत व्यय का संबंध है, तो बहुत से लोग अब विस्तार पर विचार कर रहे हैं। इसलिए अब यह विश्वास फिर से जगा है कि भारत की स्थिति अच्छी है।
क्या आपको वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता जैसे उपभोक्ताओं पर केंद्रित ग्राहकों से ऑर्डर में इजाफा दिख रहा है?
वाहन क्षेत्र में हमारी बिक्री सबसे ज्यादा रही है और दूसरी छमाही हमेशा बेहतर होती है क्योंकि त्योहारी गतिविधि उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की मांग को बढ़ा देती है। हां, जमीनी स्तर पर हमें बेहतर ऑर्डर मिल रहे हैं।
स्टील के घरेलू दाम नरम रहे हैं और फिलहाल आयात की पेशकश से कम हैं, ऐसा क्यों?
यह एक विसंगति है। हालांकि आयात में गिरावट का रुख रहा है, लेकिन दूसरी तिमाही में इसमें थोड़ी तेजी आई। इसका असर मनोबल पर पड़ा। दुनिया भर में जारी टैरिफ के कारण भी अनिश्चितता की स्थिति बनी रही, जिसकी वजह से खरीदारी में कुछ सतर्क रुख रहा। लेकिन मॉनसून के बाद ये हालात सामान्य हो गए हैं और हमें दूसरी छमाही में बेहतरी की उम्मीद करनी चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि नवंबर-दिसंबर से स्टील की कीमतों में सुधार आएगा।
क्या यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित आयात कोटे में कटौती और कोटे से बाहर के शिपमेंट पर टैरिफ दोगुना करने के मद्देनजर अधिक सुरक्षा शुल्क लगाने का कोई औचित्य है?
यूरोपीय संसद द्वारा यूरोपीय कार्रवाई की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन यह दुनिया की प्रमुख कंपनियों द्वारा अपने देशों के सुरक्षा उपायों के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाता है।