सरकार वोडाफोन आइडिया (वी) के बकाया को इक्विटी में बदलने पर तभी विचार करेगी जब कोई और विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। केंद्र सरकार, वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार परिचालक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार चाहती है कि वोडाफोन आइडिया अपने दम पर निवेश जुटाए।
वर्ष 2024 की शुरुआत से ही वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा ने बार-बार कहा है कि वर्ष 2021 के वित्तीय राहत पैकेज के अनुसार कंपनी, सरकार को बकाया राशि को इक्विटी में बदलने के लिए गुजारिश कर सकती है। वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को एक पत्र लिखा था जिसके बारे में अधिकारियों का कहना है कि उस वक्त यह उम्मीद की जा रही थी कि दूरसंचार कंपनी प्राथमिकता के आधार पर रणनीतिक स्रोतों से ताजा पूंजी जुटाए।
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘कंपनी ने पहले ही महत्वपूर्ण तरीके फंड जुटाया है जो इसके नेटवर्क विस्तार और दीर्घावधि में वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए जरूरी था।’ दूरसंचार कंपनी ने इक्विटी के माध्यम से 26,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं हालांकि बैंक अधिकारियों ने सरकार, वेंडर और टावर कंपनियों पर कंपनी की कई भुगतान देनदारियों को लेकर चिंता जताई थी।