ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) द्वारा प्रसारकों – Disney-Star, Sony और Zee के खिलाफ शनिवार से काटे गए सिग्नल की बहाली के लिए दायर याचिका पर केरल हाई कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। प्रसारकों ने यह कदम पिछले सप्ताह AIDCF के सदस्यों का कनेक्शन काटने का नोटिस जारी किए जाने के बाद उठाया था।
AIDCF में शीर्ष केबल कंपनियां शामिल हैं, जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली Hathway, Den, GTPL और हिंदुजा समूह की NXT Digital, राजन रहेजा समूह के स्वामित्व वाली Asianet Digital Network तथा क्षेत्रीय केबल ऑपरेटर – Kerala Communicators Cable और UCN Cable Network।
1 फरवरी से नए शुल्क आदेश (NTO) 3.0 लागू होने के बाद चैनल की कीमतों के संबंध में केबल ऑपरेटरों और प्रसारकों के बीच टकराव के बाद यह ब्लैकआउट हुआ था। हालांकि प्रसारकों का कहना है कि चैनल की कीमतों में बढ़ोतरी केवल पांच से 15 प्रतिशत के दायरे में ही है, लेकिन केबल ऑपरेटरों का कहना है कि चैनल और नेटवर्क के आधार पर कीमतों में 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो घरेलू केबल और उपग्रह बाजार को नुकसान पहुंचा सकती है, जिसे दामों से लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
रविवार को AIDCF के एक बयान में कहा गया है कि देश भर में 4.5 करोड़ घर स्टार, सोनी और ज़ी नेटवर्क के सभी चैनलों से वंचित रह गए हैं क्योंकि केबल टीवी प्लेटफार्मों ने रिफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) या चनल के दामों के संबंध में प्रसारकों के साथ संशोधित समझौते का क्रियान्वयन नहीं किया था।
मुंबई की ब्रोकर इलारा कैपिटल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) करण तौरानी के अनुसार 4.5 करोड़ घर देश में कुल 12.5 करोड़ पे टीवी आधार का 36 प्रतिशत हिस्सा होगा, जो अच्छा-खासा हिस्सा है।
तौरानी ने कहा कि यह टीवी प्रसारण उद्योग के लिए निराशाजनक है, जो डिजिटल खपत की वजह से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ब्लैकआउट लंबी अवधि तक बना रहता है, तो आखिर में कुछ केबल और उपग्रह डायरेक्ट-टू-होम की ओर पलायन करेंगे। दूसरी तरफ उन प्रसारकों को विज्ञापन और ग्राहक सदस्यता के राजस्व पर 25 से 30 प्रतिशत के दायरे में नुकसान झेलना पड़ सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि यह मसला कितने दिनों तक चलता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI), जो दूरसंचार और प्रसारण दोनों ही क्षेत्रों का नियामक है, ने नवंबर 2022 में एनटीओ 2.0 (जिसे अब एनटीओ 3.0 कहा जाता है) में संशोधन किया था। इसमें टेलीविजन चैनल, जो किसी बुके का हिस्सा होता है, की कीमत सीमा में बदलाव किया गया था, जिसे पहले के 12 रुपये से 19 रुपये कर दिया गया।