सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों को सिर्फ स्पेक्ट्रम इस्तेमाल का अधिकार है और यह ऐसी परिसंपत्ति नहीं है जो उनसे जुड़ी हुई हो। कंपनियां इसकी मालिक नहीं हैं। यह निर्णय समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया।
रिलायंस जियो का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी में खरीदी गई संपत्ति के तौर पर दर्ज है और इसकी बिक्री सिर्फ दूरसंचार विभाग की मंजूरी के साथ ही की जा सकती है। इस मामले की सुनवाई करने वाले पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नजीर और एमआर शाह शामिल थे। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त हो होगी। 18 अगस्त को साल्वे ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कहा था कि स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस इस्तेमाल का अधिकार आईबीसी सुनवाई प्रक्रिया के अधीन मामला हो सकता है।