साउथ वेल्स में पोर्ट टैलबट नई शुरुआत करने जा रहा है। यहां टाटा स्टील का इस्पात निर्माण स्थल है और यहां पर इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) की नींव रखी जा रही है। यह कम कार्बन वाले इस्पात उत्पादन की दिशा में बढ़ने का संकेत है। टाटा स्टील और ब्रिटिश इस्पात विनिर्माता की इस उपलब्धि का जश्न मनाया जा रहा है। इसके लिए टाटा स्टील और टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन सोमवार शाम को आयोजित शिलान्यास समारोह में मंत्रियों के साथ शिरकत करेंगे।
टाटा समूह के चेयरमैन के साथ टाटा स्टील के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन तथा टाटा स्टील यूके के मुख्य कार्य अधिकारी राजेश नायर भी मौजूद रहेंगे। वहां वे आधिकारिक तौर पर शिलान्यास करेंगे। यह ब्रिटेन की कम कार्बन वाली इस्पात निर्माण की सबसे बड़ी इकाई के बनने की आधिकारिक शुरुआत होगी जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेस से बदलाव है।
यह कम कार्बन वाले इस्पात निर्माण की दिशा में 1.25 अरब पाउंड के बदलाव का हिस्सा है जिसे ब्रिटेन सरकार से 50 करोड़ पाउंड का निवेश समर्थन है। 30 लाख टन क्षमता वाली इस नई इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस के साल 2027 के अंत में चालू होने की उम्मीद है। इससे पोर्ट टैलबट के कार्बन उत्सर्जन में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है। इस बदलाव से टाटा स्टील यूके में 5,000 लोगों की नौकरियां सुनिश्चित होंगी जबकि भारी-भरकम परिसंपत्तियों के बंद होने से 2,500 नौकरियां प्रभावित होने की बात कही जा रही है।
समारोह से पहले बयान में चंद्रशेखरन ने कहा, ‘यह टाटा समूह, टाटा स्टील और ब्रिटेन के लिए महत्वपूर्ण दिन है। आज का शिलान्यास न केवल नई इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि ब्रिटेन में पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण के नए युग का भी प्रतीक है।’
उन्होंने कहा, ‘पोर्ट टैलबट में हम स्वच्छ और हरित भविष्य की नींव रख रहे हैं, रोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं, नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और उद्योग के जिम्मेदार नेतृत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहे हैं। यह परियोजना टाटा समूह द्वारा ब्रिटेन में स्टील, वाहन और प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में व्यापक निवेश का भी हिस्सा है, जो इस देश के साथ हमारी गहरी और स्थायी साझेदारी को दर्शाता है।’