भारत में टेक स्टार्टअप की दुनिया धीमी गति से उबरने के संकेत दे रही है। कंपनियां अपनी हायरिंग क्षमता बढ़ा रही हैं। स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में धन जुटाने में सुस्ती के बाद वित्त वर्ष 2025 में कर्मियों (क्लोजिंग हेडकाउंट) की संख्या 5.9 लाख थी। वित्त वर्ष 2026 में फंडेड स्टार्टअप के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 6.7 लाख होने का अनुमान है।
हालांकि नियुक्तियों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। लेकिन इसके ऊपर के रुझान के साथ स्थिर रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 के दौरान इस क्षेत्र में कर्मियों की संख्या में 0.6 लाख की शुद्ध वृद्धि हुई, जबकि चालू वित्त वर्ष में शुद्ध वृद्धि लगभग 0.8 लाख होने की उम्मीद है।
कर्मियों की संख्या वृद्धि में तेजी क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फिनटेक कंपनियों में नियुक्तियां बढ़ने से आने की उम्मीद है। एक्सफेनो के सह-संस्थापक अनिल एथनूर ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के लिए टेक स्टार्टअप की अनुमानित शुद्ध नियुक्तियों में तेजी क्विक कॉमर्स, ई-रिटेल, मार्केटप्लेस, फिनटेक (पेमेंट एंड रेमिटेंस, लेंडिंग ऐंड क्रेडिट) और एफऐंडबी रिटेल के स्टार्टअप से आने की उम्मीद है।’
टीमलीज सर्विसेज की एम्प्लॉयमेंट आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप क्षेत्रों में 69 प्रतिशत नियोक्ता वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल-सितंबर) की पहली छमाही में अपने कर्मियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि को एआई-संचालित प्रोडक्ट स्केलिंग, ग्रोथ मार्केटिंग और क्लाउड-नेटिव इंजीनियरिंग में नई गति से बढ़ावा मिल रहा है।
टीमलीज सर्विसेज के मुख्य कार्याधिकारी (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण ने कहा, ‘सतर्क आर्थिक परिवेश के बावजूद हम देख रहे हैं कि भारत के टेक स्टार्टअप विकास और प्रतिभा के प्रति अपने दृष्टिकोण में कैसे स्पष्ट बदलाव कर रहे हैं। उनका मुख्य ध्यान आक्रामक विस्तार से हटकर टिकाऊ, मूल्य-संचालित बिजनेस मॉडल बनाने पर केंद्रित होता जा है।’
नियुक्तियों में तेजी आने का दूसरा कारण त्योहारी सीजन है जो इस साल भारत में थोड़ा जल्द शुरू हो रहा है। एमेजॉनन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां इसके लिए पहले से ही अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त कर रही हैं।