पूंजीगत वस्तु निर्माता सीमेंस ने सोमवार को कहा कि उसने भारतीय रेलवे के लिए 1,200 इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के लिए 26,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। सीमेंस ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में कहा है कि कंपनी के लिए यह अनुबंध सबसे बड़ा है। कंपनी ने कहा है कि ये इंजन प्रति घंटे 120 किलोमीटर की अधिकतम गति के साथ 4,500 टन भार वाहन क्षमता में सक्षम होंगे।
सीमेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुनील माथुर ने कहा, ‘9,000 हॉर्स पावर (एचपी) क्षमता वाला यह इलेक्ट्रिक इंजन भारतीय रेलवे के रेल विद्युतीकरण मिशन में एक बड़ी सफलता है। हम सीमेंस मोबिलिटी द्वारा मुहैया कराई गई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत में इन इंजनों का निर्माण करेंगे।’
ये इंजन 11 साल की अवधि में रेलवे को सौंपे जाने की योजना है और इस अनुबंध में 35 साल का फुल-सर्विस मेंटेनेंस भी शामिल है। कंपनी ने कहा है कि ये इंजन गुजरात के दाहोद में भारतीय रेलवे के संयंत्र में तैयार किए जाएंगे। दूसरी तरफ, इनका रखरखाव विशाखापट्टनम, रायपुर, खड़गपुर और पुणे स्थित भारतीय रेलवे के डिपो में किया जाएगा। सीमेंस ने कहा है कि एसेंबलिंग कार्य और मैंटेनेंस में भारतीय रेलवे के कर्मी भी मदद करेंगे।
सीमेंस के मुख्य कार्याधिकारी रॉलैंड बुश ने कहा, ‘इंजनों के ऑर्डर से भारतीय रेल को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन रेल नेटवर्क तैयार करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य में मदद मिलेगी। हमारे इंजनों से इनके पूरे जीवनचक्र में 80 करोड़ टन से ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी।’
सोमवार को सीमेंस का शेयर बीएसई पर पूर्ववर्ती बंद भाव के मुकाबले 0.81 प्रतिशत गिर कर 2,942.60 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक साल में सीमेंस का शेयर बीएसई पर करीब 24 प्रतिशत चढ़ा है। तुलनात्मक तौर पर, बीएसई के सेंसेक्स में इस अवधि के दौरान करीब दो प्रतिशत की कमजोरी
आई है।