सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह को बताया कि यदि किफायती एयरलाइन बंद भी हो जाए तो चिंता की कोई बात नहीं है और यदि सिंह क्रेडिट सुइस मामले में मासिक किस्त से जुड़े 5 लाख डॉलर भुगतान और 10 लाख डॉलर के डिफॉल्ट अमाउंट का 15 सितंबर तक सबूत नहीं देते हैं उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्ला के खंडपीठ ने सिंह पर सख्ती बरतते हुए कहा कि यदि वह भुगतान को लेकर टाल-मटोल करते रहे तो उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा। पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ‘भले ही आप एयरलाइन बंद कर दें, हमें कोई चिंता नहीं है। अब बहुत हो गया।’
अदालत ने यह भी कहा कि सिंह और स्पाइसजेट की कंपनी सचिव को आगे से सभी अदालती सुनवाई में मौजूद रहना होगा। सिंह के वकील श्याम दीवान ने अदालत को बताया कि अब तक उन्होंने क्रेडिट सुइस को 900 हजार डॉलर का भुगतान कर दिया है, लेकिन अदालत संतुष्ट नहीं है।
इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होने की संभावना है। स्पाइसजेट ने इस संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। स्विस फर्म क्रेडिट सुइस के साथ 2.4 करोड़ डॉलर के विवाद में बकाया अदालत स्वीकृत भुगतान करने में विफल रहने पर स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को अवमानना नोटिस जारी किया था। सिंह से चार सप्ताह में (15 सितंबर तक) इस अवमानना नोटिस पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने 25 जुलाई को एयरलाइन को दोनों पक्षों के बीच समझौते के तहत सुइस का बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त समय दिया था। स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने एक महीने पहले कहा था, ‘पिछले साल 2.4 करोड़ डॉलर के लिए स्पाइसजेट और क्रेडिट सुइस के बीच निपटान समझौता हुआ था।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि कर्ज पुराना है और मौजूदा प्रवर्तक द्वारा कंपनी पर नियंत्रण जमाने से पहले का है। निपटान राशि का भुगतान आरबीआई मंजूरी की अधीन था। आरबीआई की मंजूरी मिलने तक स्पाइसजेट कुछ महीनों के लिए सहमति की शर्तों के हिसाब से भुगतान शुरू नहीं कर सकी।
अब तक स्पाइसजेट ने क्रेडिट सुइस को 71 लाख डॉलर का कुल भुगतान किया है। 44 लाख डॉलर का बकाया उस अवधि से जुड़ा हुआ है जब आरबीआईकी मंजूरी प्रतीक्षित थी। कंपनी इस भुगतान (44 लाख डॉलर) और शेष सभी राशि का भुगतान करना चाहती है।’