facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

नोटिस पर सैमसंग का विरोध

भारत के कर की मांग को चुनौती देने वाली सैमसंग हाल के महीनों में दूसरी प्रमुख विदेशी कंपनी बन गई है।

Last Updated- May 04, 2025 | 10:50 PM IST
Samsung

सैमसंग ने भारतीय न्यायाधिकरण से नेटवर्किंग उपकरण आयात के कथित गलत वर्गीकरण पर दिए गए कर मांग के नोटिस को खारिज करने का अनुरोध किया है।  

कंपनी से सरकार ने 52 करोड़ डॉलर की कर मांग की है। दस्तावेज से पता चलता है कि कंपनी ने तर्क दिया कि अधिकारियों को इस प्रणाली की जानकारी थी, क्योंकि भारत की रिलायंस कंपनी ने भी वर्षों तक इसी तरीके से ऐसे उपकरणों का आयात किया था।

भारत के कर की मांग को चुनौती देने वाली सैमसंग हाल के महीनों में दूसरी प्रमुख विदेशी कंपनी बन गई है। फॉक्सवैगन ने अपने आयातित कलपुर्जों के गलत वर्गीकरण के मामले में की गई कर मांग के खिलाफ मोदी सरकार पर 1.4 अरब डॉलर का मुकदमा किया है। कर अधिकारियों ने जनवरी में सैमसंग से मोबाइल टावर के एक प्रमुख उपकरण का गलत वर्गीकरण करके 10-20 प्रतिशत शुल्क आयात शुल्क बचाने पर 52 करोड़ डॉलर चुकाने को कहा था।

कंपनी ने इन मोबाइल टावर उपकरणों को अरबपति मुकेश अंबानी की दूरसंचार दिग्गज रिलायंस जियो को वर्ष 2018 से 2021 के बीच बेचा था।  मुंबई में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण में दायर 281 पृष्ठों की चुनौती में सैमसंग ने भारतीय अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह के बिजनेस मॉडल के बारे में पूरी जानकारी है क्योंकि रिलायंस ने भी 2017 तक तीन वर्षों तक बिना किसी शुल्क भुगतान के इसी तरह के उपकरणों का आयात किया था।

सैमसंग का मामला ‘रिमोट रेडियो हेड’ नामक एक खास उपकरण के आयात से जुड़ा है, जो एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी सर्किट है तथा एक छोटे आउटडोर मॉड्यूल में लगाया जाता है। इसके बारे में कर अधिकारियों का कहना है कि यह 4जी दूरसंचार प्रणालियों के ‘सबसे महत्वपूर्ण’ उपकरणों में से एक है।

First Published - May 4, 2025 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट