रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी उत्पादन के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत एक बोली जीती है। भारत सरकार ने बुधवार को अपने बयान में यह जानकारी दी। इस साल की शुरुआत में, सात कंपनियों ने एडवांस केमिस्ट्री सेल्स (ACC) के उत्पादन के लिए देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत बोली लगाई थी।
सरकारी बयान में कहा गया है कि रिलायंस 10 गीगावाट तक की एडवांस केमिस्ट्री सेल्स (ACC) का उत्पादन कर सकता है। ऑयल से लेकर टेलीकॉम तक का कारोबार करने वाली रिलायंस ने इस बोली में छह अन्य प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया, जिनमें बैटरी निर्माता अमारा राजा एनर्जी एंड मोबिलिटी और बिजली उत्पादक कंपनी JSW एनर्जी शामिल थे।
एडवांस केमिस्ट्री सेल्स (ACC) का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बैटरियों में किया जाता है, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार भारत में EV विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इस योजना का कुल बजट $434.4 मिलियन है और इसका उद्देश्य देश में बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह योजना ऐसे समय में लाई गई है जब सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने के लिए बड़े लक्ष्य तय किए हैं। पिछले साल भारत में कुल कार बिक्री का लगभग 2 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक मॉडल का था, और सरकार इस आंकड़े को 2030 तक 30 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहती है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)