भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) डीप-टेक और आधुनिक विनिर्माण उद्यम के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने यह बात कही है।
अंबानी ने मैकिंजी को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘आर्टीफिशल इंटेलिजेंस में,हमारा उद्देश्य है जटिल सामाजिक चुनौतियों का समाधान और देश और उसके लोगों के लिए धन सृजन करना। हमारा ऊंचे दांव वाले जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) में उतरने का इरादा नहीं है। इसके बजाय, हम डाउनस्ट्रीम ऐप्लीकेशनों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रिलायंस के लिए अगला दौर डीप-टेक और आधुनिक विनिर्माण कंपनी बनना है।’
तेल से लेकर दूरसंचार तक के क्षेत्र की दिग्गज आरआईएल के कारोबार में डिजिटल सेवा (जियो), ऊर्जा, पेट्रोरसायन, नवीन ऊर्जा और मैटेरियल, रिटेल और मीडिया एवं एंटरटेनमेंट शामिल हैं। मैकिंजी के गौतम कुमरा के साथ बातचीत में अंबानी ने कोर टेक्नॉलजीज और आंतरिक रूप से इनोवेशन को बढ़ाने की रिलायंस की रणनीति पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘हमने दूरसंचार के साथ शुरुआत की। वर्ष 2021 में हमने 5जी की पेशकश की। हमने सब कुछ खुद बनाया, शुरू से अंत तक- कोर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, हर एक चीज। हमने 20 प्रतिशत पर मदद के लिए एरिक्सन और नोकिया का उपयोग किया, सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमने जो 80 प्रतिशत लगाया, वह अच्छा था।’ मैंने अपनी टीम के लोगों से कहा, ‘आपको इन लोगों से बेहतर होना होगा। और आज हम बेहतर हैं। इससे हमें आज खास क्षमताएं मिलती हैं जिन्हें हम बाजार में पेश कर रहे हैं। चूंकि यह हमारी अपनी टेक्नॉलजी है, इसलिए अब हम अनूठी सेवाएं देने में सक्षम होंगे।’
अंबानी ने कहा कि आरआईएल ने अब तक का सबसे बड़ा जोखिम जियो उठाय़ा था जब उसने दूरसंचार क्षेत्र में दोबारा प्रवेश किया। उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा बड़े जोखिम उठाए हैं क्योंकि हमारे लिए आकार महत्वपूर्ण है। हमारा सबसे बड़ा जोखिम जियो को लेकर था। उस समय, यह हमारा अपना पैसा था जिसे हम निवेश कर रहे थे और मैं इसमें बड़ा शेयरधारक था। हमारा सबसे खराब सिनेरियो यह था कि यह वित्तीय रूप से काम नहीं कर सकता क्योंकि कुछ विश्लेषकों का मानना था कि भारत सबसे उन्नत डिजिटल टेक्नॉलजी के लिए तैयार नहीं है।’
रिपोर्टों के अनुसार जियो प्लेटफॉर्म्स लगभग 136-154 अरब डॉलर के अनुमानित मूल्यांकन के साथ आईपीओ लाने पर विचार कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक जियो का सब्सक्राइबर आधार 48.21 करोड़ था।
समूह के सबसे नए व्यवसाय नवीन ऊर्जा के बारे में अंबानी ने कहा कि कंपनी हरित और स्वच्छ ऊर्जा के लिए दुनिया के सबसे बड़े विनिर्माण तंत्र में से एक तैयार कर रही है, जिसमें सोलर, बैटरियां, हाइड्रोजन, बायो-एनर्जी आदि शामिल हैं।