रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की सहायक कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (Reliance General Insurance) ने अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए होल्डिंग कंपनी से 600 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की मांग की है।
रिलायंस कैपिटल 24,000 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी में चूक करने के बाद नवंबर 2021 से ही दिवालिया प्रक्रिया (bankruptcy proceedings of RCap) में है। रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया में देरी को पूंजी की तत्काल आवश्यकता का मुख्य कारण बताया गया है।
रिलायंस कैपिटल के लिए टॉरंट (Torrent) और हिंदुजा समूह (Hinduja Group) दोनों ने प्रस्ताव दिए हैं। फिलहाल यह मामला अपीलीय ट्रिब्यूनल (NCLAT) में लंबित है।
दिसंबर तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे की प्रस्तुति में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने कहा है कि उसे अपने सॉल्वेंसी स्तर को मौजूदा 155 फीसदी से बढ़ाकर करीब 175 फीसदी तक ले जाने के लिए तत्काल पूंजी निवेश की दरकार है।
कंपनी ने कहा कि वैधानिक जरूरतों के न्यूनतम स्तर पर सॉल्वेंसी कॉरपोरेट ग्राहकों, सरकारी कारोबार, निविदाओं और प्रमुख खुदरा एवं बैंक एश्योरेंस साझेदारारों के बीच झिझक पैदा कर रही है। बाजार में प्रतिस्पर्धियों द्वारा इसे भुनाया जा रहा है।
कंपनी का मानना है कि ताजा पूंजी निवेश से बीमा नियामक की नियामकीय सहूलियत बढ़ेगी और इससे पता चलेगा कि प्रवर्तक कंपनी लगातार सहयोग कर रही है।
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कंपनी ने चालू वर्ष के दौरान कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोड़ने की ऊंची दर को भी उजागर किया है। कंपनी का कहना है कि इससे ग्राहक संबंध और चैनल का विकास प्रभावित हो रहा है।
कंपनी को रिटेल हेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क स्थापित करने, मजबूत डिजिटल परिवेश तैयार करने, प्रौद्योगिकी साझेदारी और तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए मूल उपकरण विनिर्माताओं के साथ करार करने के लिए तत्काल पूंजी निवेश की जरूरत है।
कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1,917 करोड़ रुपये की कुल आय और 1,599 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रीमियम दर्ज किया।