देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इस साल संपत्ति कारोबार में तेजी देखने को मिल रही है। भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद मुंबई में संपत्ति पंजीकरण 2025 के पहले चार महीनों में नए शिखर पर पहुंच गया। जिससे महाराष्ट्र सरकार का अच्छा खासा राजस्व प्राप्त हुआ है। जनवरी से अप्रैल की अवधि में संपत्तियों का औसत मूल्य 1.57 करोड़ रुपये रहा। अकेले मार्च में यह 1.86 करोड़ रुपये रहा, जो उच्च मूल्य वाले मकानों की बिक्री का संकेत है।
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संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक समूह ने पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) के आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से बताया कि 2025 की जनवरी-अप्रैल अवधि में मुंबई में 52,896 संपत्तियां पंजीकृत की गईं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 48,819 संपत्तियां पंजीकृत की गई थीं। जाहिर है सालाना आधार पर इस साल के पहले 4 माह में मुंबई में संपत्तियों के पंजीयन में 8 फीसदी इजाफा हुआ है।
एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं, “इस अवधि में संपत्ति पंजीकरण में उछाल के पीछे एक प्रमुख कारक मार्च में रिकॉर्ड तोड़ 15,501 संपत्तियां पंजीकृत होना है। ऐसा महाराष्ट्र में वित्त वर्ष 26 के लिए रेडी रेकनर दरों में 3.9 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा के तुरंत बाद हुआ। मार्च 2025 में पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक संपत्ति पंजीकरण हुए। इससे पहले दिसंबर 2020 में 19,581 पंजीकरण और मार्च 2021 में 17,728 पंजीकरण के साथ उच्चतम आंकड़े दर्ज किए गए थे।
मुंबई में अप्रैल महीने में रिकॉर्ड संपत्तियों का पंजीयन हुआ। अप्रैल में मुंबई में 13,080 संपत्तियां पंजीकृत हुई, जो बीते 7 साल में इस महीने में पंजीकृत हुई संपत्तियों में सबसे अधिक हैं। इसके साथ ही इस साल अप्रैल में पिछले साल अप्रैल में पंजीकृत संपत्तियों से 12 फीसदी ज्यादा संपत्तियों का पंजीयन हुआ। पिछले साल अप्रैल में 11,648 संपत्तियां पंजीकृत हुईं थी। इस अप्रैल में पंजीकृत संपत्तियों से महाराष्ट्र को राजस्व भी सालाना आधार पर 5 फीसदी अधिक मिला। अप्रैल में सरकार को 1,115 करोड़ रुपये का राजस्व संपत्ति पंजीयन से प्राप्त हुआ।
इस साल के शुरुआती 4 महीने में संपत्ति पंजीयन से महाराष्ट्र सरकार की खूब कमाई हुई है। आईजीआर के आंकड़ों के मुताबिक 2025 के पहले 4 माह में मुंबई में संपत्ति पंजीकरण से एकत्र कुल राजस्व 4,633 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 21 फीसदी अधिक है। पिछले साल जनवरी-अप्रैल में 3,836 करोड़ रुपये राजस्व मिला था।
मुंबई में कुल संपत्ति पंजीयन भले ही बढ़ा हो। लेकिन मकानों की बिक्री में बढ़ोतरी नहीं देखी गई। एनारॉक रिसर्च के अनुसार 2025 की पहली तिमाही में मुंबई में लगभग 21,930 मकान बिके, जो 2024 की पहली तिमाही में बिके मकानों से करीब 28 फीसदी कम है। इस बीच मकानों की औसत कीमत में इजाफा हुआ है। पुरी ने कहा कि इस साल जनवरी से अप्रैल तक संपत्ति पंजीकरण डेटा और मांग के रुझान के विश्लेषण से पता चलता है कि बेचे गए मकानों की औसत कीमत 1.57 करोड़ रुपये रही, जो 2023 और 2024 की याद दिलाती है, जब यह 1.56 करोड़ रुपये थी। पुरी कहते हैं “2021 में इसी अवधि में औसत कीमत काफी कम 1.02 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार जनवरी-अप्रैल 2021 और जनवरी-अप्रैल 2025 के बीच इसमें 54 फीसदी का उछाल आया है। कुल मिलाकर 2025 में किफायती श्रेणियों की तुलना में महंगे मकान अधिक बिकने की संभावना है।