अक्टूबर 2025 में देश का हाउसिंग बाजार थोड़ा धीमा रहा। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार घरों की बिक्री (पैसों के हिसाब से) 1% कम हुई, लेकिन सितंबर की तुलना में 12% ज्यादा घर बिके। जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच कुल बिक्री का पैसा 6% बढ़ा है, लेकिन असल में बिके हुए घरों की संख्या 13% कम हो गई। यानी कम घर बिके, लेकिन महंगे घरों को खरीदने वाले लोग ज्यादा थे। एनसीआर, कोलकाता, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में बिक्री 25–27% बढ़ी, जबकि हैदराबाद, मुंबई और पुणे में 7–9% की कमी आई।
अक्टूबर 2025 में नए घरों और परियोजनाओं की लॉन्चिंग भी कमजोर रही। पिछले साल के मुकाबले नई लॉन्चिंग 15% कम हुई और सितंबर की तुलना में 17% घटी। जनवरी से अक्टूबर 2025 तक भी नई लॉन्चिंग का कुल मूल्य 6% नीचे रहा। बड़े बाज़ार जैसे NCR और मुंबई क्षेत्र (MMR) में लॉन्चिंग 19–21% तक गिर गई, और पुणे में 15% की कमी देखने को मिली। लेकिन दक्षिण के कुछ शहरों ने इस गिरावट को थोड़ा संभाला। चेन्नई में नई लॉन्चिंग 42% बढ़ी, जबकि हैदराबाद में 27% और बेंगलुरु में 16% की बढ़त दर्ज की गई।
देशभर में बिना बिके घरों (अनसोल्ड इन्वेंटरी) की स्थिति लगभग पहले जैसी ही रही। अक्टूबर 2024 की तरह इस साल भी बाजार में करीब 18 महीनों का स्टॉक बचा हुआ है। एनसीआर और पुणे में यह स्टॉक सबसे कम है। सिर्फ 12–13 महीनों का स्टॉक बचा हुआ है। वहीं हैदराबाद में सबसे ज्यादा 26 महीनों का स्टॉक बचा है। लग्जरी और प्रीमियम घरों की अच्छी मांग के कारण इस साल सभी बड़े शहरों में घरों की कीमतें बढ़ी हैं। मुंबई क्षेत्र में कीमतें सबसे ज्यादा 22% बढ़ीं। बेंगलुरु, एनसीआर, पुणे और चेन्नई में 7–9% की बढ़त हुई, जबकि हैदराबाद और कोलकाता में कीमतें 4–5% तक बढ़ीं।
रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में हाउसिंग सेक्टर की सबसे बड़ी समस्या घर खरीदने की क्षमता में गिरावट होगी। घरों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और मध्यम आय वाले लोगों के लिए उनकी जेब के मुताबिक घर कम मिल रहे हैं। इसी वजह से आगे जाकर घरों की बिक्री की संख्या कमजोर रह सकती है। इसके साथ ही रोजगार में धीमी बढ़ोतरी और देश की अर्थव्यवस्था में असमान विकास भी इस सेक्टर पर दबाव डाल सकते हैं। नुवामा का मानना है कि रियल एस्टेट मार्केट में अभी उतार–चढ़ाव चलता रहेगा। शेयर बाजार में रियल्टी कंपनियों के स्टॉक भी ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं होंगे और एक सीमित दायरे में रहेंगे। ब्याज दरों में कमी से थोड़ा सहारा मिलेगा, लेकिन ज्यादा कीमतें और कम बिक्री की वजह से तेजी सीमित रहेगी। नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में प्रेस्टिज और ब्रिगेड को अपना टॉप पिक बताया है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधित फैसले करने से पहले अपने एक्सपर्ट से परामर्श कर लें।)