राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (NLMC) चुनिंदा केंद्रीय सार्वनिक क्षेत्र के उद्यमों के छोटे आकार की अचल संपत्तियों की नीलामी की योजना बना रहा है। यह नीलामी प्रायोगिक तौर पर 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही के अंत में होगी। इसके बड़ी संपत्तियों की बिक्री में मदद मिलगी।
वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अभी तक NLMC को कोई बड़ी संपत्तियां स्थानांतरित नहीं की गई हैं। कंपनी इन संपत्तियों का मूल्य तय करने और इनकी नीलामी की प्रक्रिया तय करने के लिए प्रक्रिया विकसित कर रही है।’
NLMC का गठन बीते साल जून में हुआ था। यह पूरी तरह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है और यह कई केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और सरकारी एजेंसियों की अधिशेष भूमि का मुद्रीकरण (सरप्लस लैंड का मोनेटाइजेशन) करेगी। अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज में हिंदुस्तान केबल्स के सात फ्लैट और भारत पंप और कंप्रेसर के चार फ्लैटों का हस्तांतरण BLMC को किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों इकाइयां इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।
अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों की मंजूरी में विलंब के कारण इस निगम को संपत्तियां का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है। इससे NLMC को इनवेंटरी की कमियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया, ‘राज्य सूची में भूमि है। इससे NLMC को भूमि का अधिग्रहण करने में विलंब हो रहा है। इनमें से कई जमीनें कानूनी प्रक्रिया में फंस गई हैं।’
यह निगम ऋण वसूली प्राधिकरण (DRT) और एजेंसी MSCT की तर्ज पर नीलामी की संभावनाओं को तलाशेगा। निगम DRT की प्रक्रिया को अपनाएगा और सर्वाधिक बोली लगाने वाले को ई नीलामी की प्रक्रिया की तर्ज पर संपत्ति की बिक्री की जाएगी।
NLMC को उम्मीद है कि उसे पहला मुख्य कार्याधिकारी (CEO) और चेयरमैन जून के अंत तक मिल जाएगा। इसके बाद NLMC अपने नियामकीय बोर्ड की नियमित तौर पर बैठक कर सकेगा और प्रमुख कार्यों को तेजी से अंजाम दे सकेगा।
NLMC ने भूखंडों के मार्केट मूल्य का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों और अचल संपत्ति के सलाहकारों की सेवाएं को प्राप्त करनेके लिए निविदाएं जारी की हैं।