IIFL फाइनेंस ने गुरुवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उसकी गोल्ड लोन सेवाओं पर लगी पाबंदियां हटा दी हैं। मार्च 2024 में आरबीआई ने कंपनी पर गोल्ड लोन देने और वितरित करने पर रोक लगाई थी, जो निगरानी संबंधी चिंताओं के कारण थी।
कंपनी ने कहा कि आरबीआई का निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। इसके तहत IIFL फाइनेंस अब गोल्ड लोन की मंजूरी, वितरण, हस्तांतरण, सेक्यूरिटाइजेशन, और बिक्री फिर से शुरू कर सकेगी, बशर्ते सभी संबंधित कानूनों और नियमों का पालन किया जाए।
4 मार्च 2024 को आरबीआई ने कंपनी पर पाबंदियां लगाईं थीं। इस दौरान सोने की शुद्धता और वजन की जांच में गड़बड़ी, लोन-टू-वैल्यू अनुपात में उल्लंघन, नकद में लोन राशि का वितरण और संग्रह, नीलामी प्रक्रिया में कमी, और ग्राहकों को चार्जेज में पारदर्शिता की कमी देखी गई थी।
अप्रैल 2024 में, IIFL फाइनेंस ने आरबीआई द्वारा एक विशेष ऑडिट शुरू करने की जानकारी दी थी। अब, इन पाबंदियों के हटने से कंपनी का गोल्ड लोन कारोबार फिर से सामान्य रूप से चल सकेगा।
IIFL फाइनेंस गोल्ड लोन व्यवसाय में प्रमुख एनबीएफसी में से एक है। 30 जून 2024 तक, गोल्ड लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) कंपनी के कुल कारोबार का लगभग 72 प्रतिशत थे, जिनकी कुल राशि ₹14,727 करोड़ थी। यह आंकड़ा मार्च 30, 2024 के मुकाबले सालाना 33 प्रतिशत और क्रमिक रूप से 37 प्रतिशत घट गया था।
कंपनी अपनी 2,775 शाखाओं के माध्यम से 25 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में सैलरीड, स्वरोजगार, और MSME ग्राहकों को गोल्ड लोन देती है।