उद्योग के रुझान के साथ आगे बढ़ते हुए टाटा मोटर्स ने मंगलवार को अपनी लोकप्रिय एसयूवी हैरियर और सफारी के नए मॉडल का अनावरण किया। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स ऐंड टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने इस कार्यक्रम के दौरान शाइन जैकब से खास बातचीत में एसयूवी के भविष्य, इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र और बुनियादी ढांचा संबंधी चुनौतियों के बारे में खुलकर चर्चा की। बातचीत के मुख्य अंश:
इस सेगमेंट में रह महीने करीब 16,000 वाहनों की बिक्री हो रही है। इसमें 80 फीसदी बिक्री डीजल वाले वाहनों की और महज 20 फीसदी बिक्री पेट्रोल इंजन वाले वाहनों की होती है। हमें लगता है कि महंगे एसयूवी श्रेणी में लोग डीजल वाहन को पसंद कर रहे हैं। इसलिए हमने डीजल पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि बेहतर ईंधन दक्षता एवं काफी अच्छे टॉर्क परफॉर्मेंस के कारण लोग इसे पसंद करते हैं। हमें लगता है कि पेट्रोल मॉडलों की भी बिक्री बढ़ेगी इसलिए हमने 1.5 लीटर जीडीआई इंजन विकसित करने पर काम शुरू किया है।
इस सेगमेंट में हमारी हिस्सेदारी 18 से 23 फीसदी के आसपास है। हैचबैक और कारों के विपरीत यह सेगमेंट तगड़ी प्रतिस्पर्धा वाला है। पिछली 6-7 तिमाहियों तक हम इस श्रेणी में अग्रणी रहे हैं। हमारी नजर इस बात पर है कि हमारा हरेक एसयूवी अपनी श्रेणी में शीर्ष मॉडल बने। पंच अपनी श्रेणी में नंबर वन है और हैरियर-सफारी भी अपनी श्रेणी में दूसरे पायदान पर है। आगे हम कर्व और सिएरा को ईवी और पेट्रोल-डीजल दोनों श्रेणियों में लाएंगे।
प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ हमारा बाजार भी बढ़ रहा है। हमारी वृद्धि दर हमेशा 50 फीसदी से ऊपर रही है। पिछले साल प्रति तिमाही हमारी बिक्री 11 से 12 हजार वाहनों की रही थी मगर इस साल की दो तिमाहियों के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर करीब 19 से 20 हजार हो गया है। तगड़ी प्र्रतिस्पर्धा के बावजूद बिक्री बढ़ी है। चार्जिंग बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना सबसे महत्त्वपूर्ण होगा। सरकार को भी इस पर जोर देना चाहिए।
हम सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि तेल मार्केटिंग कंपनियों एवं अन्य सभी को करीब 22,000 चार्जर स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा सके। आगे हमें लंबी दूरी तक सफर करने वाले तमाम वाहन दिखेंगे जो आज मौजूद नहीं हैं।