सरकार ने वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कर सुधारों से लेकर व्यापार समझौतों तक तमाम कदम उठाए हैं। इस बीच कंपनी जगत में इंडिगो और ब्लूस्मार्ट जैसे झटकों ने आंखें भी खोल दी हैं और इससे बचने को ठोस प्रशासनिक उपायों की आवश्यकता पर ध्यान आकृष्ट किया है।
दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो की 5,500 से अधिक उड़ानें रद्द होने से विमानन क्षेत्र अस्त-व्यस्त हो गया और हजारों यात्री जहां-तहां फंस गए। यह व्यवधान डीजीसीए द्वारा जारी नए क्रू-रोस्टरिंग नियमों के बाद पैदा हुआ, जिसमें पायलटों और केबिन क्रू के लिए आराम के घंटों में बढ़ोतरी की गई थी। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस बदलाव के मुताबिक समय से अपनी योजना बनाने में कथित तौर पर विफल रही।
केंद्र ने 22 सितंबर को जीएसटी में बड़ा सुधार किया। इसमें दरों को दुरुस्त बनाने और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्लैब को चार (5, 12, 18 और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 और 18 प्रतिशत) किया गया। तंबाकू, स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले पेय और पान मसाला को 40% कर के अलग दायरे में रखा गया।
वित्त और गृह जैसे प्रमुख मंत्रालय प्रतिष्ठित नॉर्थ ब्लॉक से हटकर इसी वर्ष कर्तव्य भवन में चले गए। इसका उद्देश्य जगह की तंगी को दूर करना, कार्यालयों को एक साथ लाना और मंत्रालयों के बीच तालमेल बढ़ाना है। अब नॉर्थ ब्लॉक को एक धरोहर भवन के रूप में संरक्षित किया जाएगा।
भारत ने कई प्रमुख समझौतों के साथ अपनी व्यापार कूटनीति की गति को तेज किया है। 24 जुलाई को ब्रिटेन के साथ व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता किया। दिसंबर में न्यूजीलैंड के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता हुआ। ओमान के साथ भी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। मगर लंबे समय से बातचीत चलने के बाद भी भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अभी बात नहीं बन पाई है।
यह ऐसा वर्ष रहा, जिसमें एक के बाद एक कई आईपीओ ने दस्तक दी। इनमें से सबसे खास एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 11,607 करोड़ रुपये का आईपीओ रहा, जिसके लिए 4.4 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं। इसने बजाज हाउसिंग फाइनैंस के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, जिसके 6,560 करोड़ रुपये के आईपीओ को पिछले साल 3.24 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं।
ईलॉन मस्क की टेस्ला ने 15 जुलाई को मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलकर भारत में पदार्पण किया। इसी के साथ अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ने दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार में प्रवेश किया।
भारत की ग्रीन मोबिलिटी पहल की अगुआ के रूप में देखी गई ब्लूस्मार्ट अंतत: अप्रैल में उस समय ध्वस्त हो गई, जब इसके संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी धन की हेराफेरी के आरोपों से जुड़े वित्तीय घोटाले में फंस गए। इससे कंपनी ने राइड-हेलिंग संचालन बंद कर दिया। इससे उसे ड्राइवरों के विरोध का सामना भी करना पड़ा।
टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा और टाटा समूह के वरिष्ठ सदस्य भास्कर भट्ट को नवंबर में दोराबजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी नियुक्त किया गया, जिससे महीनों से चले आ रहे आंतरिक विवाद का अंत हो गया। विश्लेषकों का कहना है कि नेविल टाटा को शामिल करना समूह के भीतर नोएल टाटा के बढ़ते प्रभाव का संकेत है।
भारत को एआई और डेटा सेंटरों में 470 अरब डॉलर के निवेश के वादे मिले। एमेजॉन ने जहां 35 अरब डॉलर निवेश का वादा किया, वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने 17.5 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया। गूगल ने भी 15 अरब डॉलर का एआई डेटा हब स्थापित करने की योजना शुरू की।