रिलायंस रिटेल को अपनी रिटेल एवं आपूर्ति शृंखला बेचने के बाद किशोर बियाणी के पास फूड एवं ग्रोसरी (एफएमसीजी) और वस्त्र निर्माण व्यवसाय के साथ साथ इटली की जेनेराली संग बीमा संयुक्त उपक्रम का कारोबार रह जाएगा। इस सौदे के बाद अनुमानित तौर पर, फ्यूचर गु्रप की उपस्थिति राजस्व के संदर्भ में करीब 80 प्रतिशत तक और परिचालन लाभ के संदर्भ में 90 प्रतिशत तक घट जाएगी। यह सौदा पूरा होने के बाद किशोर बियाणी रिलायंस रिटेल के लिए पैकेज्ड फूड, ग्रोसरी और गारमेंट के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता बन जाएंगे।
करीब 7,300 करोड़ रुपये के संयुक्त राजस्व के साथ फ्यूचर एंटरप्राइजेज एफएमसीजी और फैशन क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी अनुबंधित निर्माता होगी, लेकिन उसे काफी कम मार्जिन पर संतोष करना होगा।
फ्यूचर गु्रप फूड, किराना और वस्त्रों के घरेलू निर्माण एवं खरीदारी के साथ प्रमुख समेकित रिटेलर था। हालांकि समूह का ज्यादातर मुनाफा रिटेल खंड से जुड़ा हुआ था, जबकि निर्माण और खरीद इकाइयां कम मार्जिन पर परिचालन कर रही थीं और वे सिर्फ अपनी परिचालन और पूंजी लागत निकाल पा रही थीं।
एफएमसीजी निर्माण इकाई ने वित्त वर्ष 2020 में 4,040 करोड़ रुपये के राजस्व पर 126 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया, फैशन इकाई ने इस अवधि के दौरान 3,331 करोड़ रुपये के राजस्व पर 307 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमाया। यह संयुक्त रूप से 5.9 प्रतिशत का परिचालन मार्जिन है। विश्लेषकों का कहना है कि निर्माण में इतना कम मार्जिन वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं है और इससे सौदे के बाद उसकी विकास योजनाएं प्रभावित होंगी। नारनोलिया सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी शैंलेंद्र कुमार कहते हैं, ‘इतने कम सतर के मार्जिन पर फ्यूचर एंटरप्राइजेज बड़ी निर्माता और आपूर्तिकर्ता में तब्दील होने के लिए वित्तीय संसाधन हासिल करने में सक्षम नहीं हो सकती है।’
उनके अनुसार, उपभोक्ता वस्तु एवं फैशन में ज्यादातर वैल्यू निर्माण के बजाय ब्रांडिंग और रिटेल से जुड़ी होती है।फ्यूचर समूह के मामले में स्पष्ट रूप से यह देखने को मिला था जिसमें ज्यादातर मुनाफा रिटेल खंड से आता था।
फ्यूचर समूह की 6 सूचीबद्घ कंपनियों का अब फ्यूचर एंटरप्राइजेज के साथ विलय किया गया है और इनका संयुक्त राजस्व पिछले 12 महीनों के दौरान 39,000 करोड़ रुपये और परिचालन लाभ 5,427 करोड़ रुपये रहा। इस तरह से परिचालन मार्जिन करीब 14 प्रतिशत था, जो इस उद्योग में अच्छा माना जाता है।
फ्यूचर समूह की जिन कंपनियों और व्यवसायों को रिलायंस रिटेल खरीद रही है, उनका मार्जिन अच्छा रहा है। इन व्यवसायों ने पिछले 12 महीनों के दौरान करीब 32,000 करोड़ रुपये की शुद्घ बिक्री और करीब 5,000 करोड़ रुपये का एबिटा या परिचालन लाभ दर्ज किया। इससे कुल मिलाकर 15.7 प्रतिशत के परिचालन मार्जिन का पता चलता है जो रिटेल उद्योग में शानदार मार्जिन में से एक है।
तुलनात्मक तौर पर रिलायंस रिटेल ने इस साल मार्च में समाप्त वर्ष के दौरान करीब 9,400 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ और 1.63 लाख करोड़ रुपये की शुद्घ बिक्री दर्ज की। इससे कंपनी 5.8 प्रतिशत के परिचालन मार्जिन में सक्षम रही।
