बीएस बातचीत
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के आंकड़े राजस्व वृद्धि के अनुमान से कुछ चूक गए। लेकिन टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन मानते हैं कि यह अब तक की सबसे अच्छी तिमाहियों में से एक है, क्योंकि यह वृद्धि व्यापक थी। भारत सहित हर भौगोलिक और कार्यक्षेत्र ने दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की है। शिवानी शिंदे को दिए साक्षात्कार में गोपीनाथन ने कंपनी के प्रदर्शन और विकास के अगले चरण और आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों से निपटने के संबंध में बात की। संपादित अंश :
टीसीएस ने विभिन्न भौगोलिक और कार्यक्षेत्रों में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की है, लेकिन दूसरी तरफ राजस्व वृद्धि अपेक्षा से कुछ कम रही। इसके अलावा टीसीएस सालाना आधार पर और क्रमिक रूप से नरम दिख रही है। यह अंतर क्यों?
यह एक बहुत अच्छी तिमाही रही है। अगर आप सौदे हासिल करने के खंड को देखें तो हर पहलू में मजबूत वापसी हुई है। उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका, जो कुछेक वर्षों से कमजोर था, उसने बहुत मजबूती से वापसी की है तथा पिछली कुछ तिमाहियों में अच्छी वृद्धि दर्ज की है और यह तिमाही उत्कृष्ट रही है। इसी तरह खुदरा, विनिर्माण जैसे बड़े कार्य क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जहां तक टीसीएस की वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही की बात है, तो इसके पास एक बड़ा सौदा था, अगर आप इसे हटा दें, वृद्धि 20 प्रतिशत से ऊपर है।
साल की पहली छमाही आम तौर पर सबसे मजबूत होती है, क्या कंपनी की रफ्तार अगली दो तिमाहियों तक बनी रहेगी?
दो विषय समानांतर रूप से चल रहे हैं। पहला, वृद्धि को जो रफ्तार हम देख रहे हैं, वह जारी रहेगी, मांग का माहौल बहुत मजबूत है। लेकिन फिर मांग और परिचालन का सत्र होगा, जो उद्योग और क्षेत्र के लिए विशिष्ट होगा।
कर्मचारियों के निकलने की दर बढ़ गई है, साथ ही टीसीएस वित्त वर्ष 22 में 70,000 से अधिक नए कर्मचारियों को शामिल करेगी। आप इस बात को कैसे सुनिश्चित कर रहे हैं कि आपूर्ति संकुचन से टीसीएस प्रभावित नहीं होगी?
हमारा पहले का तरीका यह था कि नए कर्मचारियों को साल भर समान गति से लाया जाए। दो साल पहले हमने इसका प्रयोग किया था और पहली दो तिमाहियों में लगभग 32,000 से 35,000 नए कर्मचारियों को शामिल किया था तथा इससे हम कंपनी में तेजी से नए कर्मचारी लाने में सक्षम हुए। और यह प्रारूप कामयाब रहा। हमने इस बार भी यही किया है। इस बात को देखते हुए कि मांग और भी बढऩे वाली है, हम और अधिक सहयोगियों का प्रबंध कर सकते हैं और इसलिए इसे बढ़ाकर 70,000 से 75,000 कर सकते हैं।
आप टीसीएस के लिए विकास के अगले चरण के रूप में वृद्धि और परिवर्तन (जीऐंडटी) के बारे में बात करते रहे हैं। इसका क्या मतलब है?
पिछले कुछ सालों से आंतरिक रूप से हम जो कवायदें करते रहे हैं, उनमें से एक यह है कि हम जो काम करते हैं, उसके मूल्य की पहचान करना। हम जो करते हैं, यह उसके संबंध में अत्यधिक जागरूकता के साथ शुरू होता है।