नायिका व जोमैटो की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर पेटीएम का आगाज शायद ही शानदार रहने वाला है। ग्रे मार्केट की गतिविधियां बताती हैं कि यह शेयर इश्यू प्राइस 2,150 रुपये प्रति शेयर के आसपास सूचीबद्ध हो सकता है या फिर उससे भी नीचे लुढ़क सकता है।
डिजिटल पेमेंट दिग्गज पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन गुरुवार को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी। देश के पूंजी बाजार में कंपनी का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ रहा है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मदद से ही वह सामान्य आवेदन पाने में कामयाब रही।
सूचीबद्धता से पहले यह शेयर ग्रे मार्केट में इश्यू प्राइस से मामूली नीचे कारोबार कर रहा है। केआर चोकसी के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने कहा, संकेत यह है कि यह शेयर इश्यू प्राइस से नीचे सूचीबद्ध होगा। अगर ऐसा होता है तो हमें देखना होगा कि क्या बड़े निवेशक इस शेयर को खरीदने के लिए आगे आते हैं। मेरा मानना है कि लाभ पर स्पष्टता आने तक निवेशक इससे उत्साहित नहीं होंगे। हम इंतजार करना पसंद करेंगे और तत्काल खरीदारी नहीं करेंगे।
इस आईपीओ को संस्थागत निवेशक श्रेणी में 2.8 गुना आवेदन मिले लेकिन करीब 80 फीसदी बोली विदेशी निवेशकों की तरफ से मिले। देसी म्युचुअल फंडों ने इस आईपीओ में महज 155 करोड़ रुपये की बोली लगाई।
एसपी तुलस्यान इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की वरिष्ठ शोध विश्लेषक गीतांजलि केडिया ने कहा, इस आईपीओ पर हमारा नजरिया सकारात्मक नहीं है और कमजोर आवेदन को देखते हुए हम इसकी सूचीबद्धता को लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं। कंपनी वैल्यू मार्केट शेयर अपनी समकक्षों के हाथों गंवा रही है और कंपनी की बढ़त मुख्य रूप से नकदी खर्च के कारण दर्ज हुई है, जो आगे भी जारी रह सकती है। यहां तक कि 36 गुने राजस्व पर मूल्यांकन भी आकर्षक नहीं है। अगर निवेशक को शेयर मिला हो तो हम उन्हें इसमें निवेशित रहने की सलाह नहींं देंगे बल्कि बेहतर होगा कि सूचीबद्धता के बाद वह उससे बाहर निकल जाएं।
प्राथमिक बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) का आवेदन अच्छा संकेतक होता है कि पहले दिन आईपीओ का प्रदर्शन कैसा रहने वाला है। पेटीएम के मामले में एचएनआई की तरफ से सिर्फ 24 फीसदी आवेदन मिले थे।
केजरीवाल रिसर्च ऐंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अरुण केजरीवाल ने कहा, सामान्य तौर पर एचएनआई घबराहट में बिकवाली या खरीद के जरिए लाभ हासिल करने का माहौल बनाते हैं, जो पेटीएम के मामले में होने की संभावना नहीं है। ऐसे में मुझे पहले दिन 5 फीसदी का फायदा या नुकसान से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा। पेटीएम की कहानी आम लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंची। उपभोक्ता सामान्य तौर पर वैसे ब्रांड की ओर जाते हैं अगर उसका उपयोग सुविधाजनक होता है और पेटीएम के पास यह है। अगर निवेशकों को शेयर आवंटित हुए हों तो एक या दो तिमाही तक उन्हें इसमें निवेशित रहना चाहिए ताकि आगे की स्पष्टता नजर आ जाए।
जून 2021 में समाप्त 12 महीने की अवधि में पेटीएम की बिक्री 3,142 करोड़ रुपये रही। इश्यू प्राइस पर पेटीएम का मूल्यांकन 1.39 लाख करोड़ ररुपये बैठता है। इश्यू के बाद के आधार पर कंपनी 44.4 गुना मार्केट कैप-सेल्स अनुपात पर सूचीबद्ध होने जा रही है।
