facebookmetapixel
LIC MF ने कंजम्पशन थीम पर उतारा नया फंड, ₹5,000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाBihar Elections 2025: PM मोदी का RJD-कांग्रेस पर हमला, बोले- महागठबंधन आपस में भिड़ेगाIIHL और Invesco ने मिलाया हाथ, म्युचुअल फंड बिजनेस के लिए ज्वाइंट वेंचर शुरूOYO Bonus Issue: शेयरहोल्डर्स के लिए खुशखबरी, ओयो ने बोनस इश्यू के एप्लीकेशन की डेडलाइन बढ़ाईAadhaar Update Rules: अब ऑनलाइन होगा सब काम, जानें क्या हुए नए बदलावMarket Outlook: कंपनियों के Q2 नतीजों, ग्लोबल रुख से तय होगी भारतीय शेयर बाजार की चालMCap: रिलायंस ने फिर मारी बाजी, निवेशकों की झोली में ₹47 हजार करोड़ की बढ़ोतरीFY26 में GST संग्रह उम्मीद से अधिक, SBI रिपोर्ट ने अनुमानित नुकसान को किया खारिजतीन महीने के बाद FPIs ने भारतीय शेयरों में डाले ₹14,610 करोड़, बाजार में लौटे निवेशकGST 2.0 ने बढ़ाई छोटी कारों की मांग, दोपहिया चालक बन रहे मारुति ग्राहक

Patanjali misleading ads case: रामदेव, बालकृष्ण की माफी कोरी बयानबाजी- सुप्रीम कोर्ट

Patanjali misleading ads case: कारण बताओ नोटिस में पूछा गया था कि उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए?

Last Updated- April 02, 2024 | 10:25 PM IST
Delhi High Court orders Baba Ramdev's Patanjali to remove claims of 'cure' for Covid-19 within 3 days दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि को दिया आदेश, Covid-19 के 'इलाज' के दावों को 3 दिन के अंदर हटाएं

Patanjali misleading ads case: उच्चतम न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन मामले में पंतजलि आयुर्वेद के बचाव पर मंगलवार को अप्रसन्नता जताई तथा योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण की माफी को ‘कोरी बयानबाजी’ कहकर खारिज कर दिया। न्यायालय ने साथ ही शपथ भंग पर उन्हें आगाह किया।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने उत्पादों की प्रभावकारिता के बारे में पतंजलि के बड़े-बड़े दावों और कोविड महामारी के चरम दौर में एलोपैथी को बदनाम करने पर केंद्र की कथित निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया और पूछा कि सरकार ने क्यों अपनी ‘आंखें मूंदे’ रखीं?

स्वामी रामदेव और बालकृष्ण दोनों कारण बताओ नोटिस के सिलसिले में अदालत में उपस्थित थे। कारण बताओ नोटिस में पूछा गया था कि उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए?

पीठ में न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल के लिए तय करते हुए कहा कि उस दिन योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण दोनों को फिर से पेश होना होगा।

पीठ ने उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का आखिरी मौका देते हुए, उस शपथ की ‘पूर्ण अवज्ञा’ करने पर कड़ी आपत्ति जतायी जो दोनों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर मामले में उसके सामने दाखिल की थी।

पीठ ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए स्वामी रामदेव और बालकृष्ण से कहा, ‘आपको न्यायालय में दिए गए वचन का पालन करना होगा, आपने हर सीमा तोड़ी है।’ रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाते हुए न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि न्यायालय उनकी माफी को पूर्ण भरोसा न होने के बावजूद स्वीकार कर रह है।

First Published - April 2, 2024 | 10:25 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट