सरकार की ओर से संचालित सबसे बड़ी गैस इकाई गेल लिमिटेड को डर है कि रूस के गैजप्रॉम से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति कम से कम 12 महीने तक बाधित रहेगी और कंपनी इसके मुताबिक कमी पूरी करने की तैयारी कर रही है।
आपूर्ति के व्यवधान की वजह से सभी गैस आपूर्तियों में करीब 20 प्रतिशत की कमी आई है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के साथ बैठक में गेल के अधिकारियों ने कहा कि निकट भविष्य में भी यह कमी जारी रहेगी। इसकी पुष्टि करते हुए अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इसकी वजह से कंपनी को रोजाना 85 से 90 लाख घनमीटर गैस (एमएमएससीएमडी) की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
यह ऐसे समय में सामने आया है, जब सरकार ने हाल ही में इस मसले के जल्द समाधान के लिए मॉस्को से बात की है। तकनीकी चुनौतियों का हवाला देते हुए मई महीने में 24 लाख टन प्रति साल एलएनजी आपूर्ति के दीर्घकालीन सौदे को रोक दिया गया था, जब गैजप्रॉम ने यूक्रेन के युद्ध के बाद जर्मन सहायक कंपनी पर नियंत्रण खो दिया था।
अधिकारियों ने कहा कि आपूर्ति में व्यवधान को कम करने के लिए गेल ने उर्वरक संयंत्रों, बिजली उत्पादन इकाइयों के साथ कुछ औद्योगिक ग्राहकों की आपूर्ति में कटौती कर दी थी। कंपनी कुछ गैस पाटा पेट्रोकेमिकल संयंत्र (उत्तर प्रदेश) को भेज रही है, जो 40 प्रतिशत से कम क्षमता पर चल रही है। आंतरिक अनुमान से पता चलता है कि ऐसी स्थिति अगले 6 से 9 महीने तक बनी रहेगी।
पिछले 6 महीने से ज्यादा समय गेल हाजिर बाजार से एलएनजी खरीदकर कमी की कुछ भरपाई कर रही है। इसमें आपूर्ति या भुगतान बाध्यताओं को लेकर आपूर्ति करने के मामले शामिल हैं, जो करीब 1 से 1.5 एमएमएससीएमडी है। गैस पारेषण में गेल की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है और भारत में गैस ट्रेडिंग में इसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। बहरहाल अधिकारियों ने जोर दिया कि औद्योगिक उपभोक्ताओं को आपूर्ति में बड़े व्यवधान का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि कंपनी एलएनजी की हाजिर बाजार से खरीद के माध्यम से गैस की कमी की भरपाई कर रही है। लेकिन यह कंपनी के खर्च पर होगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हाजिर बाजार में कीमत दीर्घावधि समझौते का करीब दोगुना होता है। इससे विपणन मुनाफा प्रभावित हो रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी।’ गैजप्रॉम के व्यवधान और हाजिर बाजार की खरीद के कारण गेल के शुद्ध मुनाफे में वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफे में 46 प्रतिशत की कमी आई है। तिमाही आधार पर एबिटा जहां 59.4 प्रतिशत कम रहा, वहीं चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुनाफा घटकर 4.6 प्रतिशत रह गया, जो इसके पहले की अप्रैल-जून तिमाही में 11.6 प्रतिशत था।
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गैजप्रॉम मार्केटिंग ऐंड ट्रेडिंग सिंगापुर (जीएमटीएस) अब गैजप्रॉम जर्मेनिया की सहायक इकाई है। इसने मई के आखिर से गेल को एलएनजी की आपूर्ति बंद कर दी थी। 2012 में गैजप्रॉम की पूर्व सहायक इकाई जीएमटीएस ने गेल को रह साल 28.5 लाख टन एलएनजी की आपूर्ति 20 साल तक करने के लिए समझौता किया था।
इस समझौते के मुताबिक 2018 में आपूर्ति शुरू हुई और पूरी मात्रा में आपूर्ति 2023 तक होने की संभावना थी। लेकिन इस साल की शुरुआत में जीएमटीएस, गैजप्रॉम जर्मेनिया जीएमबीएच के अधीन आ गई और गैजप्रॉम ने कंपनी का अपना मालिकाना छोड़ दिया और प्रतिबंध लगा दिया। यूक्रेन युद्ध में कूटनीतिक वार्ता विफल होने के बाद जर्मनी ने गैजप्रॉम जर्मेनिया पर अप्रैल में नियंत्रण रोक दिया।
अधिकारियों के मुताबिक अब तक जीएमटीएस ने 20 से ज्यादा कार्गो की आपूर्ति में चूक की है, इसमें से 13 की आपूर्ति दूसरी तिमाही में जुलाई से सितंबर के बीच होनी थी।