ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने इस साल अगस्त तक परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है और वह अप्रैल में परीक्षण के तौर पर काम शुरू कर देगी।
यह नेटवर्क न सिर्फ रिटेल सेगमेंट तक सीमित होगा बल्कि खरीदारों को फूड डिलिवरी, पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी, यात्रा, मोबिलिटी और होलसेल कारोबार के लिए भी प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगा। आसानी से यह कहा जा सकता है कि यह न सिर्फ एक बी2सी (बिजनेस टु कंज्यूमर) बल्कि बी2बी (बिजनेस टु बिजनेस) प्लेटफॉर्म भी होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में, फोनपे, पेटीएम, डंजो, सेलरऐप, माइक्रोसॉफ्ट, टैली, गोफरूगल, फारआई, ग्रोथफाल्कंस, ईसैमुडाय, गुडबॉक्स और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडियन आईटी एसोएिट्स अभी से ही ओएनडीसी के साथ समेकन के चरण में हैं। सक्रिय बातचीत नेटवर्क से जुड़े के लिए पूरे ईकॉमर्स क्षेत्र में 80 से ज्यादा कंपनियों के साथ चल रही है। इन कंपनियों में इंडिया पोस्ट, भीम, गूगल पे, रिलायंस रिटेल, मैक्स होलसेल, मेट्रो ब्रांड्स, जोहो, शॉपर्स स्टॉप, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, पे नियरबाई, और सैमसंग मुख्य रूप से शामिल हैं।
ओएनडीसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी टी कोशी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ओएनडीसी ने फरवरी में 140 कंपनियों के साथ हैकाथन का आयोजन किया था, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और अन्य छोटे स्टार्टअप शामिल थे।
कोशी ने यह भी कहा, ‘हमें उम्मीद है कि ट्रांजेक्शन कॉमर्स से संबंधित प्रत्यक्ष सेवाओं के व्यवसाय से जुड़े सभी लोग या तो खरीदार या विक्रेताओं के तौर पर इस नेटवर्क का हिस्सा होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि नेटवर्क एमएसएमई क्षेत्र को बड़ी राहत प्रदान करेगा, क्योंकि वे डिजिटल तौर पर उनके कैटलॉग पाने में सक्षम हैं।’
इस परियोजना को संवद्र्घन एवं आंतरिक व्यपार उद्योग विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा मदद मिली है और उसे धारा 8 कंपनी (गैर-लाभकारी संगठन) के तौर पर स्थापित किया गया है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, ओएनडीसी के निवेशकों में शामिल हैं एनएसई, एनपीसीआई, बीएसई, सीडीएसएल, क्यूसीआई, प्रोटीन, आईडीएफसी फस्र्ट बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, सिडबी, पंजाब नैशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, नाबार्ड, बैंक ऑफ बड़ौदा और सीएससी ई-गवर्नेंस।
अधिकारी ने कहा कि सभी कंपनियों की ओएनडीसी में समान शेयरधारिता होगी और उन्होंने उनके निवेश के आधार पर सामान्य और डिजिटल कॉमर्स में अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए उनका प्रभाव होगा। ओएनडीसी ने डिजिटल लेनदेन की सकल मर्केंडाइज वैल्यू 4.5 लाख करोड़ रुपये सालाना से बढ़ाकर अगले पांच साल में 7.5 लाख करोड़ रुपये करने की योजना बनाई है। उसने डिजिटल कॉमर्स का इस्तेमाल कर रहे रिटेलरों का दायरा 15,000 से बढ़ाकर पांच साल में 20 लाख से अधिक करने की भी योजना बनाई है और ऑनलाइन खरीदारी के लिए ईकॉमर्स इस्तेमाल कर रहे भारतीयों का योगदान 9 करोड़ ग्राहकों से बढ़ाकर 25 करोड़ से ज्यादा करने का लक्ष्य रखा है।