पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक पीएनजीआरबी ने शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को आदेश दिया है कि वे खाना पकाने के लिए घरों में पाइप से आने वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) के लिए समान कीमत वसूलें, चाहे खपत का स्तर कुछ भी हो। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि एक निश्चित उपयोग सीमा से अधिक उपयोग पर अधिक कीमत वसूलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके।
सरकार शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्राकृतिक गैस आबंटित करती है, जिसे एपीएम गैस कहा जाता है। यह गैस घरों में पाइप से आने वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) के रूप में बिक्री के लिए उपलब्ध होती है। चूंकि सरकार यह आबंटन बाजार मूल्य से कम पर करती है, इसलिए उम्मीद की जाती है कि शहरी गैस खुदरा विक्रेता इसका लाभ उपयोगकर्ताओं को देंगे। घरेलू रसोई के लिए इस्तेमाल होने वाली गैस की कीमत बाजार मूल्य से कम होती है जबकि होटल जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आपूर्ति की जाने वाली गैस की कीमत बाजार मूल्य पर होनी चाहिए।
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने नोटिस में कहा कि यह पाया गया है कि ‘कुछ शहरी गैस वितरण (सीजीडी) कंपनियां पीएनजी के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़ती हुई मूल्य निर्धारण संरचना लागू कर रही हैं, जहां खपत पूर्वनिर्धारित सीमा से अधिक होने पर प्राकृतिक गैस की प्रति इकाई (मानक घन मीटर) कीमत बढ़ जाती है। पीएनजीआरबी ने कहा कि ऐसी प्रथा गलत है। नियामक ने कहा, ‘इस तरह का मूल्य निर्धारण व्यवहार अनजाने में सब्सिडी वाले प्रशासित मूल्य तंत्र (एपीएम) गैस के अनधिकृत उपयोग को बढ़ावा दे सकता है।’ नियामक ने हालांकि ऐसी प्रथा में शामिल सीजीडी कंपनियों के नाम नहीं बताए।