शिक्षा तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बैजूस ने नई सोशल मीडिया नीति लागू की है। इसमें कंपनी के कर्मचारियों की मीडिया से बातचीत पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब बेंगलूरु की कंपनी अपने कारोबार के पुनर्गठन और करीब 4 हजार कर्मचारियों को हटाने की योजना बना रही है।
सोशल मीडिया पॉलिसी वर्जन 1.0 शीर्षक वाले आंतरिक कंपनी दस्तावेज़ में कहा गया है, ‘आपको किसी भी मीडिया संस्थान से सीधे तौर पर बातचीत करने की अनुमति नहीं है और आप फोटो, वीडियो, स्क्रीनशॉट व कंपनी से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं देंगे।
इसका उल्लंघन करने पर कंपनी इसे गंभीरता से लेगी और आपके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी इस दस्तावेज की एक प्रति देखी है।
कंपनी की रणनीति की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि प्रबंधन नई सोशल मीडिया नीति लेकर आया है क्योंकि ऐसे उदाहरण हैं जहां कुछ लोग जिनके पास पूरी जानकारी नहीं थी, वे इसे लीक कर देंगे और इससे कंपनी की प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘प्रबंधन ने तय किया है कि मीडिया को जानकारी किसी ऐसे व्यक्ति से ही मिलनी चाहिए जो ऐसा करने के लिए अधिकृत है, अन्यथा यदि गलत जानकारी साझा की जाती है तो इसका असर न केवल बैजूस की टीम पर पड़ता है, बल्कि उनके परिवारों पर भी पड़ता है।’
कभी शिक्षा तकनीक क्षेत्र की सबसे मूल्यवान कंपनी रही बैजूस गलत कारणों से सुर्खियों में है। इनमें कर्मचारियों को बर्खास्त करना, कथित तौर पर खराब और अपमानजनक कार्य संस्कृति शामिल है। कई वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर कंपनी के खिलाफ अपना असंतोष जताया है और शिकायतें दर्ज कराई हैं।
दस्तावेज़ में कंपनी ने कहा कि वह सक्रिय रूप से कर्मचारियों की बातचीत, बाहरी संचार और उनके द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट की निगरानी कर सकती है।