ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी मीशो ने 200 करोड़ रुपये (2.5 करोड़ डॉलर) का इंप्लॉयी स्टॉक ओनरशिप प्लान (ईसॉप) पुनर्खरीद कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है। सॉफ्टबैंक के निवेश वाली इस कंपनी की यह अब तक की सबसे बड़ी ईसॉप पुनर्खरीद है। बेंगलूरु की कंपनी मीशो में कुल 1,300 कर्मचारी हैं। अलबत्ता कंपनी 1,700 पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों के लिए धन अर्जित करने का अवसर प्रदान कर रही है।
मीशो ने कहा कि यह पहल उसकी टीम की सामूहिक सफलता और कंपनी की विकास गाथा में उनकी भूमिका के प्रति उसके विश्वास की पुष्टि करती है। कनिष्ठ स्तर से लेकर वरिष्ठ स्तर तक के पात्र मौजूदा और पूर्व कर्मचारी स्वेच्छा से इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
मीशो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने कहा कि मीशो में हमारे कर्मचारी हमारी सफलता की प्रेरक शक्ति हैं और हम अब तक के अपने सबसे बड़े ईएसओपी पुनर्खरीद कार्यक्रम की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं।
सिंह ने कहा ‘यह अपनी टीमों को पुरस्कृत करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और हमें खुशी है कि मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों के बावजूद हम धन सृजन के अवसर प्रदान करने और संगठन के भीतर विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने में जुट हुए हैं।’
यह मीशो में धन सृजन का चौथा अवसर है, जिसका आकार हर साल बढ़ता जा रहा है। कंपनी ने फरवरी 2020 में 10 लाख डॉलर, नवंबर 2020 में 50 लाख डॉलर और अक्टूबर 2021 में 55 लाख डॉलर के शेयर वापस खरीदे थे। मीशो मुनाफे में आने वाली पहली भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी थी। जुलाई 2023 में लाभ के ऐलान के बाद से कंपनी लगातार लाभ अर्जित कर रही है और नकदी प्रवाह सकारात्मक बना हुआ है।
दिसंबर 2023 में मीशो ने कहा था कि उसका घाटा वित्त वर्ष 22 के 3,251 करोड़ रुपये की तुलना में 48.42 प्रतिशत कम होकर वित्त वर्ष 23 में 1,675 करोड़ रुपये रह गया।
फर्म ने कहा कि परिचालन वृद्धि और ग्राहक हासिल करने की लागत, सर्वर तथा बुनियादी ढांचे की लागत सहित कई मदों में सुधार पर अधिक ध्यान दिए जाने से उसके बढ़ते राजस्व में और इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान परिचालन राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 77 प्रतिशत बढ़कर 5,735 करोड़ रुपये हो गया।