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मैकलॉयड रसेल को अ​धिग्रहण का खतरा

Last Updated- December 11, 2022 | 3:23 PM IST

चाय उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मैकलॉयड रसेल पर अधिग्रहण का खतरा मंडरा रहा है। फेरो अलॉय, एल्युमीनियम एवं इस्पात उद्योगों के लिए कच्चा माल बनाने वाली कंपनी कार्बन रिसोर्सेज ने शुक्रवार को खुले बाजार से मैकलॉयड रसेल की 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर सबको अचंभित कर दिया। मामला यहीं नहीं थमा और उसने कंपनी का बकाया एक ही बार में चुकाने के लिए बैंकों को गैर बाध्यकारी पेशकश भी कर दी।
कार्बन रिसोर्सेज के निदेशक अभिनव जालान ने कहा, ‘हमने शुक्रवार को मैकलॉयड रसेल के बैंकरों को गैर-बाध्यकारी आशय पत्र (एलओआई) भी भेजा है। उसमें हमने बैंकरों से कहा है कि हम कंपनी का बकाया कर्ज एकमुश्त चुकाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम कंपनी का अधिग्रहण करना चाहते हैं।’ मैकलॉयड रसेल के प्रवर्तक की हिस्सेदारी जून तक 6.25 फीसदी थी।
समझा जाता है कि कार्बन रिसोर्सेज ने आशय पत्र में संकेत दिया है कि वह मैकलॉयड में नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी हासिल करेगी। उसने कंपनी के बोर्ड एवं प्रबंधन में बदलाव का प्रस्ताव भी दिया है।
कार्बन रिसोर्सेज के आकलन के अनुसार, बैंकों का कुल बकाया 1,650 करोड़ रुपये है। उसने रेहन वाले लेनदरों की पूर्ण अदायगी करने और शेष रकम के जरिये बिना रेहन वाले लेनदारों की अदायगी करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रकार कुल 1,245 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएग जिसमें 300 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश भी शामिल है।
कार्बन रिसोर्सेज ने शुक्रवार को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर मैकलॉयड रसेल के करीब 49.5 लाख शेयर और बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर करीब 3 लाख शेयर खरीद लिए। ये शेयर कुल मिलाकर मैकलॉयड रसेल की 5.03 फीसदी शेयर पूंजी से अधिक हैं। सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी गई।
मैकलॉयड का शेयर पिछले दो कारोबारी सत्रों के दौरान ऊपरी सर्किट को छू गया। बीएसई पर कंपनी का शेयर आज 34 रुपये पर बंद हुआ।
कार्बन रिसोर्सेज करीब 2,500 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ इलेक्ट्रोड पेस्ट बनाने वाली प्रमुख कंपनी है। इलेक्ट्रोड पेस्ट फेरो अलॉय बनाने के लिए आवश्यक सामग्री है। इसके अलावा वह एल्युमीनियम, इस्पात एवं ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उद्योगों के लिए कैल्साइंड पेट्रोलियम कोक भी बनाती है।
मैकलॉयड पर दांव के बारे में जालान ने कहा, ‘हम कार्बन कंपनी हैं। हम जिंस व्यापार में भी हैं और अपने कारोबार में विविधता लाने की संभावना तलाश रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह चाय क्षेत्र की अव्वल नंबर कंपनी है और उसके कारोबार में परिसंपत्तियां भी हैं। हमें लगता है कि हम उसे पटरी पर ला सकते हैं क्योंकि पिछले कुछ साल में परिसंपत्तियां बिकने के कारण उसकी रफ्तार सुस्त पड़ गई।’
हालांकि मैकलॉयड के सूत्रों का कहना है कि चाय मुश्किल कारोबार है और चाय उद्योग से बाहर की कंपनी इतनी बड़ी चाय कंपनी का अधिग्रण करेगी तो क्षेत्र में मुश्किल खड़ी होसकती हैं। उन्होंने कहा, ‘कंपनी से करीब 70,000 कर्मचारी जुड़े हैं।’
 
मैकलॉयड रसेल पिछले कुछ समय से संकट से जूझ रही है। वह समूह की फर्म मैकनैली भारत इंजीनियरिंग कंपनी की मदद के चक्कर में भारी कर्ज में डूब गई। कर्ज चुकाने के लिए उसने 2018-19 और 2019-20 में करीब 18 बागान बेचकर 800 करोड़ रुपये जुटाए थे। 

फिलहाल खेतान परिवार ऋण पुनर्गठन के लिए लेनदारों के साथ बातचीत कर रहा है। लेनदारों ने तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन (टीईवी) के लिए स्वतंत्र पेशेवरों को नियुक्त की है। कंपनी के चाय बागानों की कीमत आंकी जा रही है। लेनदारों द्वारा गठित समिति ने प्रस्तावित समाधान योजना पर अमल करने के लिए कंपनी की संभावित क्रेडिट रेटिंग का आकलन करने के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को भी नियुक्त की है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है।

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मैकलॉयड रसेल पर कुल 2,245.16 करोड़ रुपये का कर्ज है। जालान ने कहा, ‘हमने रेहन वाले लेनदारों का पूरा बकाया चुकाने की बात कही है। कंपनी ने 4-5 लेनदारों के पास रेहन रखा है। बगैर रेहन कर्ज ज्यादा है।’ मगर उन्होंने स्पष्ट किया कि ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत कोई परिसंपत्ति बेची नहीं जाएगी। खेतान परिवार के लिए यह एक और झटका है। इससे पहले उसे एवरेडी का नियंत्रण 
खोना पड़ा था।
 

First Published - September 19, 2022 | 9:45 PM IST

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