मारुति सुजूकी 2030-31 तक 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसमें से 45,000 करोड़ रुपये के निवेश से क्षमता दोगुनी की जाएगी और सालाना 40 लाख वाहनों का उत्पादन किया जाएगा। मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने इसकी जानकारी दी।
इसके साथ ही कंपनी आपूर्ति श्रृंखला और निर्यात बुनियादी ढांचे (मारुति की योजना वित्त वर्ष 2031 तक निर्यात मौजूदा 2.50 लाख वाहनों से बढ़ाकर सालाना 7.50 वाहन करने की है) तथा मार्केटिंग एवं सेल्स टीम के विस्तार पर भी निवेश करेगी और अपने आपूर्तिकर्ताओं की भी मदद करेगी।
हरियाणा के खारखोदा में 10 लाख वाहनों की सालाना उत्पादन क्षमता वाले नए कारखाने की पहली इकाई से 2025 की शुरुआत में उत्पादन होने लगेगा। इस इकाई की क्षमता सालाना 2.50 लाख वाहनों के उत्पादन की होगी।
कंपनी की योजना सालाना 10 लाख वाहनों की उत्पादन क्षमता वाला एक अन्य कारखाना लगाने की भी है जिसके लिए जगह पर विचार किया जा रहा है। यह कारखाना वित्त वर्ष 2027 तक परिचालन में आ सकता है।
कंपनी की विस्तार योजनाओं की चर्चा करते हुए भार्गव ने कहा, ‘सालाना 10 लाख वाहनों की उत्पादन क्षमता वाला संयंत्र लगाने पर करीब 22,000 से 23,000 करोड़ रुपये का निवेश होता है। इसलिए केवल संयंत्रों पर ही 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के लिए कह रहे हैं।
इसके अलावा मार्केटिंग एवं सेल्स का विस्तार तथा निर्यात वृद्धि के लिए बुनियादी ढांचे सहित अन्य पर भी निवेश करने की जरूरत होगी। हम निवेश योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं और यह जल्द ही उपलब्ध होगी। कुल निवेश 50,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा।’
मारुति सुजूकी के चेयरमैन ने कहा कि विस्तार योजना इस आकलन पर आधारित है कि वित्त वर्ष 2031 तक वाहनों की सालाना बिक्री 6 से 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। और हमारे वाहनों के मॉडलों की संख्या वित्त वर्ष 2031 तक 17 से बढ़कर 27 हो जाएगी, जिनमें से 6 इलेक्ट्रिक वाहन होंगे।
पूंजीगत व्यय योजना में ईवी उत्पादन पर होने वाला निवेश भी शामिल होगा। भार्गव ने आगे कहा कि अगर छोटी कारों की सुस्त पड़ी बिक्री में दोबारा से तेजी आती है तो अगले कुछ वर्षों में वाहनों की बिक्री 7 से 8 फीसदी तक भी बढ़ सकती है।
मारुति चरणबद्ध तरीके से विस्तार योजना पर काम कर रही है ताकि उसके संयंत्रों की ज्यादा क्षमता बिना उपयोग के न रहे क्योंकि इससे कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है। भार्गव ने कहा, ‘खारखोदा कारखाने की पहली इकाई में उत्पादन शुरू होने के बाद 10 लाख वाहनों की कुल क्षमता हासिल करने तक हर साल वाहनों की उत्पादन क्षमता में 2.50 लाख का इजाफा किया जाएगा।’
भार्गव ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मारुति सुजूकी टोयोटा की अप्रयुक्त सालाना 1.50 लाख वाहनों की उत्पादन क्षमता का भी उपयोग कर रही है। वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में कंपनी ने मानेसर संयंत्र की सालाना क्षमता में 1 लाख अतिरिक्त वाहनों की उत्पादन क्षमता जोड़ने की योजना बनाई थी।
मारुति को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बिक्री 21 लाख से 22 लाख वाहनों की होगी जिनमें से 2.80 लाख वाहनों का निर्यात किया जाएगा। वित्त वर्ष 2023 तक कंपनी बिना उत्पादन क्षमता बढ़ाए मांग को पूरा करने में सक्षम थी।