महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और हिंदुजा समूह (अशोक लीलैंड का प्रमोटर) भी एमजी मोटर इंडिया के इलेक्ट्रिक कार कारोबार में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में आ गए हैं। हिस्सेदारी की कीमत 8,000 करोड़ रुपये तक हो सकती है। JSW पहले ही इस कारोबार में 48 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की दिलचस्पी जता चुकी है।
निवेश बैंकिंग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एमजी मोटर इंडिया (MG Motor India) ने इलेक्ट्रिक कार कारोबार में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनियों से अभिरुचि पत्र मांगे हैं। मगर अब तक कोई भी बाध्यकारी प्रस्ताव नहीं पहुंचा है। एमजी मोटर इंडिया की मालिक चीन की वाहन कंपनी एसएआईसी मोटर (SAIC Motor) है। निवेश बैंकरों ने कहा कि चीन की कंपनी इसमें थोड़ी-बहुत हिस्सेदारी बनाए रखेगी। 5 प्रतिशत तक हिस्सेदारी कर्मचारियों के सामने रखी जाएगी।
इस खबर की पुष्टि के लिए महिंद्रा समूह को ई-मेल भेजा गया मगर कोई जवाब नहीं आया। हिंदुजा समूह ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। एमजी मोटर इंडिया ने भी बिक्री प्रक्रिया पर कुछ नहीं कहा।
अशोक लीलैंड और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा पहले ही वाहन कारोबार में हैं मगर JSW होड़ जीत गया तो पहली बार इस कारोबार में कदम रखेगा। सज्जन जिंदल के JSW समूह की निजी इकाइयां हिस्सेदारी के लिए पेशकश करने की योजना बना रही हैं मगर सूचीबद्ध कंपनियां इससे दूर रहेंगी।
एक महीने पहले एमजी मोटर इंडिया ने कहा था कि वह 2028 तक अपने भारतीय कारोबार का कायाकल्प करना चाहती है। कंपनी का बयान तब आया है, जब भारत सरकार चीन से आने वाले निवेश की जांच-पड़ताल कर रही है।
एसएआईसी मोटर कॉरपोरेशन (पुराना नाम शांघाई ऑटोमोटिव इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन) हिस्सेदारी बेचने पर मिली रकम से गुजरात के हलोल में दूसरा कारखाना लगाएगी। इससे 2028 तक कंपनी की सालाना वाहन उत्पादन क्षमता 3 लाख तक पहुंच जाएगी। भारत के यात्री वाहन बाजार में इसकी 1 प्रतिशत हिस्सेदारी ही है।
एमजी मोटर इंडिया में मानद सीईओ राजीव चाबा ने कुछ समय पहले सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे एमजी मोटर इंडिया के नए निवेशक-मालिक तय कर लेंगे, जिनके पास वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी होगी। कंपनी किसी भारतीय कंपनी को हिस्सेदारी बेचेगी और निदेशक मंडल, प्रबंधन, आपूर्ति व्यवस्था और तकनीक में भी यहां के लोग ही रहेंगे। कंपनी अगले साल से हलोल में बैटरी बनाना भी शुरू कर सकती है।