फ्रेशर्स को काम पर रखने जाने में देरी करने वाली विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों के बाद अब मिड-कैप आईटी कंपनियों की बारी है क्योंकि इस क्षेत्र को बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल वाले प्रतिकूल हालात का सामना करना पड़ रहा है।
एलटीआईमाइंडट्री ने काम पर रखे जाने का इंतजार करने वाले फ्रेशर्स को एक नए प्रशिक्षण कार्यक्रम में नामांकन करने के लिए कहा है, जिससे 600 से 700 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
इन फ्रेशर्स को भेजे गए एक ईमेल के अनुसार इन छात्रों के पास नए कार्यक्रम को स्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी यह ईमेल देखा है।
कंपनी द्वारा भेजे गए मेल में कहा गया है कि ‘इग्नाइट’ नामक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से उनके कौशल को धार मिलेगी और यह छह से सात सप्ताह का होगा। अलबत्ता यह कार्यक्रम पूरा करने के बाद फ्रेशर्स को 60 प्रतिशत से अधिक के स्कोर के साथ एक मूल्यांकन कार्यक्रम पास करना होगा।
हालांकि कंपनी कर्मचारियों से 12 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कह रही है, लेकिन अगर वे इसके लिए मना करते हैं, तो कंपनी (जो पहले माइंडट्री थी) द्वारा उन्हें दिया गया ऑफर लेटर अपने आप रद्द हो जाएगा।
कंपनी के ईमेल में कहा गया है कि अगर हमें उस वक्त तक आपकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है या जवाब में ‘ना’ मिलाता है, तो इसे एलटीआईमाइंडट्री के साथ करियर के अवसरों से संबंधित प्रशिक्षण संग आगे बढ़ने की आपकी अनिच्छा माना जाएगा। इस तरह आपको पहले दिया गया प्रशिक्षण और उसके बाद की नौकरी खुद-ब-खुद रद्द हो जाएगी।
नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्पलॉयीज सीनेट (एनआईटीईएस) ने ईमेल के जरिये कहा है, हमें शिकायत मिली है कि कंपनी वैसे फ्रेशर्स को बाहर निकालने के करीब है, जो न्यू ट्रेनिंग प्रोग्राम इग्नाइट के तहत एक साल से जॉइन करने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
कंपनी ने इन फ्रेशर्स को जनवरी 2022 में ट्रेनिंग व नौकरी के लिए ऑफर लेटर भेजा था। हालांकि उन्हें नौकरी देने के बजाय कंपनी ने अब 6-7 हफ्तों का लर्निंग ऐंड ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है।
एनआईटीईएस के ईमेल में कहा गया है, यह स्पष्ट है कि कंपनी इन फ्रेशर्स को अनिश्चितता के भंवर में फंसा रही है और इस नए प्रोग्राम का इस्तेमाल उन्हें नौकरी देने में देर करने में कर रही है।
इस बारे में जानकारी के लिए कंपनी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला क्योंकि कंपनी वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही की खातिर साइलेंट पीरियड में है।
सूत्रों ने कहा कि यह दोनों कंपनियों के विलय का असर भी हो सकता है। ये पेशकश कंपनी का वास्तविक विलय शुरू होने से पहले किए गए थे। एलटीआई व माइंडट्री का विलय नवंबर 2022 में पूरा हुआ। एचआर विशेषज्ञों ने कहा कि इस क्षेत्र की मौजूदा अनिश्चितता भारतीय आईटी कंपनियों में नियुक्ति के आंकड़ों पर असर डाल रही है।