एलआईसी हाउसिंग का शेयर एक साल में 32 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है, लेकिन वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित बुक के 0.8 गुना पर मूल्यांकन अभी भी 1.4 गुना के उसके तीन वर्षीय औसत से नीचे बना हुआ है, जिससे यह आकर्षक बन गया है।
हालांकि दिसंबर तिमाही इस आवास वित्त प्रदाता के लिए मिश्रित रही, और इसलिए विश्लेषकों के सुझाव एवं अनुमान भी मिश्रित हैं। उदाहरण के लिए, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज और एमके ग्लोबल के विश्लेषकों ने अपनी वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित आय को 5 प्रतिशत और 14 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जबकि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने वित्त वर्ष 2022 का आय अनुमान करीब 4 प्रतिशत तक घटा दिया है और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर के लिए रेटिंग ‘बाई’ से बदलकर ‘होल्ड’ कर दी। प्रभुदास लीलाधर की श्वेता दप्तरदार का कहना है कि उन्हें रेटिंग अपग्रेड की कोई संभावना नहीं दिख रही है।
इन मिश्रित विचारों का कारण एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस की परिसंपत्ति गुणवत्ता से संबंधित है, जिस पर एक साल से ज्यादा समय से दबाव बना हुआ है। तीसरी तिमाही में 2.68 प्रतिशत पर सकल एनपीए की स्थिति दूसरी तिमाही के 2.79 प्रतिशत के मुकाबले थोड़ी बेहतर रही। हालांकि यदि परिसंपत्ति वर्गीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक को ध्यान में रखे बगैर विचार किया जाए तो सकल एनपीए एक प्रतिशत तक ज्यादा होती। कई समस्याएं एलआईसी हाउसिंग के होलसेल लोन पोर्टफोलियो से पैदा हुई हैं, जो तीसरी तिमाही में कुल बुक का 7.2 प्रतिशत है। जहां तीसरी तिमाही के दौरान एनपीए में ज्यादा वृद्घि नहीं हुई, लेकिन सेगमेंट के लिए 16 प्रतिशत सकल एनपीए के साथ उद्योग का 5-10 प्रतिशत का आंकड़ा पीछे छूट गया है। व्यक्तिगत ऋणों ने 1.62 प्रतिशत का सकल एनपीए दर्ज किया, जो उद्योग के दायरे से ऊपर है। मॉर्गेज ऋणदाता का फंसे कर्ज का प्रतिशत तीसरी तिमाही में 4.68 पर रहा, जिसमें 2.68 प्रतिशत पर सकल एनपीए, 1 प्रतिशत का प्रोफॉर्मा एनपीए और पुनर्गठन बुक 1 प्रतिशत पर शामिल है। इसमें वे खाते भी शामिल थे, जिन्हें मौजूदा तिमाही में पुनर्गठित किए जाने की संभावना है।
दप्तरदार ने कहा, ‘जहां संभावित ऋण नुकसान बढ़कर 50 प्रतिशत पर पहुंच गया, वहीं वित्त का परिसंपत्ति गुणवत्ता दबाव में योगदान नहीं रहा, क्योंकि प्रावधान की दर नीचे बनी हुई है।’ अभी जो सकारात्मक बदलाव दिख रहा है, वह है ऋण वितरण में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की शानदार वृद्घि और रिटेल वितरण में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इसलिए, जहां कुल ऋण वृद्घि तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत पर कमजोर रही, वहीं विश्लेषकों को वित्त वर्ष 2022 में ऋण बुक 8-12 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है। तेज वृद्घि हालांकि पूंजी उपलब्धता पर निर्भर करेगी। 14.5 प्रतिशत के पूंजी पर्याप्तता अनुपात के साथ, एलआईसी हाउसिंग का बफर प्रमुख तीन आवास वित्त कंपनियों (18 प्रतिशत तक) में सबसे कम है।
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों का मानना है कि पूंजी निवेश की जरूरत बनी हुई है।