उद्योग संगठन Laghu Udyog Bharati ने छोटे उद्यमियों (MSME) को कर्ज दिलाने में मदद करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) यू ग्रो कैपिटल (U GRO Capital) के साथ समझौता किया है। इसके तहत दोनों उद्यमियों को सरकारी योजनाओं, डिजिटल कर्ज के बारे जागरूक कर कर्ज की जरूरतें पूरा करने में मदद करेंगे।
एमएसएमई को 25 हजार करोड़ रुपये कर्ज का देने का लक्ष्य
यू ग्रो कैपिटल के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शचिंद्रनाथ ने बताया कि छोटे उद्यमियों को कर्ज मिलने में दिक्कत होती है। ऐसे में हमने लघु उद्योग भारती के साथ मिलकर इन उद्यमियों की कर्ज की जरूरतें पूरा करने में मदद करने के लिए एक समझौता कर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत देश के 100 बाजारों में सेमिनार, वर्कशाप व अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे। जिनमें उन्हें समझाया जाएगा कि कर्ज कैसे लिया जाए और इसके लिए क्या करने की जरूरत है?
उन्होंने कहा यू ग्रो ने अगले 3 साल में 10 से 15 लाख छोटे उद्यमियों की कर्ज की जरूरतों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस दौरान एमएसएमई को 25,000 करोड़ रुपये कर्ज देने का लक्ष्य तय किया गया है। यू ग्रो 11 से 18 फीसदी ब्याज दर पर एमएसएमई को 5 लाख से 3 करोड़ रुपये तक का कर्ज मुहैया कराती है।
कंपनी बीते 3 साल में करीब 90 हजार एमएसएमई को 8,000 करोड़ रुपये कर्ज बांट चुकी है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में दिए गए कर्ज में एनपीए काफी कम है। इसलिए इस क्षेत्र में एनबीएफसी के लिए काफी संभावनाएं हैं।
बढ़ रहा है एमएसएमई को कर्ज का अंतर
लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय महामंत्री ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एमएसएमई को महज 10 फीसदी कर्ज औपचारिक क्षेत्र से मिलता है और 78 फीसदी वित्त की व्यवस्था की वह स्वयं करती हैं। एमएसएमई को मिलने वाले कर्ज का अंतर लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि इस समय यह अंतर करीब 85 लाख करोड़ रुपये है यानी एमएसएमई को जितने कर्ज की जरूरत है, उससे 85 लाख करोड़ रुपये कम मिल रहा है। 5 साल पहले यह अंतर 53 लाख करोड़ रुपये था। गुप्ता कहते हैं कि ऐसे में यू ग्रो के साथ किए गए समझौते से छोटे उद्यमियों को कर्ज मिलने में काफी मदद मिल सकती है।